सार

Jammu Kashmir में Article 370 की वापसी को लेकर कांग्रेस कितने भी वादे कर ले, लेकिन सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद मानते है कि इसके लिए कांग्रेस को 300 सांसद चाहिए, जो संभव नहीं दिखता। वे 1 दिसंबर को जम्मू संभाग के पुंछ में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को एक बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष रूप से बनाई गई धारा 370 तथा अनुच्छेद 35-ए के प्रावधानों को निरस्त कर दिया।

जम्मू. Jammu Kashmir में Article 370 को लेकर कांग्रेस के सीनियर लीडर और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद(Ghulam Nabi Azad) ने चुप्पी तोड़ी है। 1 दिसंबर को जम्मू संभाग के पुंछ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा कि वे झूठे वादे नहीं करेंगे कि धारा 370 वापस ला पाएंगे। अगर ऐसा कहते हैं कि तो यह झूठ है। क्योंकि धारा 370 को लोकसभा में लाने के लिए 300 सांसद चाहिए। आज के दिन कांग्रेस पार्टी के पास ऐसा कुछ नहीं है। बता दें कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को एक बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष रूप से बनाई गई धारा 370 तथा अनुच्छेद 35-ए के प्रावधानों को निरस्त कर दिया।

2024 में कांग्रेस की स्थिति पर बोले आजाद
आजाद ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के 300 सांसद होंगे, ऐसा नहीं लगता है। नबी ने लोगों ने कहा कि जब चुनाव होंगे, तब धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर और क्षेत्र के नाम पर नेता न चुनकर विकास को चुनें। आजाद ने केंद्र सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकार छीनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा छिन गया। जमीनों और नौकरियों से भी अधिकार छिन गया। 

इससे पहले जम्मू के किश्तवाड़ जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने आजाद की उस टिप्पणी पर निराशा व्यक्त की थी, जिसमें कहा गया था कि धारा 370 के बारे में बोलना बेकार है। हालांकि आजाद ने सफाई दी थी कि मीडिया के कुछ वर्ग ने उनके भाषण को लगत तरीके से पेश किया।

पुंछ और राजौरी के लोगों का हौसला सराहा
आजाद ने पुंद और राजौरी के लोगों के हौसले की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पुंछ और राजौरी सीमा पर हैं। यहां से आतंकवादी घुसपैठ करते हैं। पाकिस्तान की 1947 से ही इन क्षेत्रों पर नजर है। लेकिन इन दोनों जिलों के लोग सीमा प्रहरी की तरह सजग रहते हैं।

जम्मू-कश्मीर के परिसीमन पर बोले आजाद
पुंछ में मीडिया से चर्चा के दौरान आजाद ने जम्मू-कश्मीर के परिसीमन(Delimitation of Jammu and Kashmir) पर कहा कि परिसीमन प्रक्रिया को जल्द पूरा कराया जाना चाहिए। फरवरी 2022 के अंत तक रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी जाए। इसके अगले दो महीने मई-जून में विधानसभा के गठन के लिए चुनावी प्रक्रिया भी पूरी कर लेनी चाहिए। जल्द चुनाव करवाने की प्रक्रिया पूरी कर चुनाव करवाए जाएं।

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