सार

गुजरात के बिलकिस बानो केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 11 अभियुक्तों की सजा माफी रद्द कर दी और जेल भेजने के निर्देश दिए। इनमें से एक आरोपी ने सरेंडर करने के लिए 4 सप्ताह का और समय मांगा है।

 

Bilkis Bano Case. बहुचर्चित बिलकिस बानो केस में आरोपी गोविंदभाई नाई ने याचिका दायर करके सरेंडर के लिए 4 सप्ताह का और समय मांगा है। याचिका में कहा गया है कि उसने किसी भी तरह के कानून का उल्लंघन नहीं किया है और रिलीज ऑर्डर के नियमों का पूरा पालन किया है। आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके स्वास्थ्य और पारिवारिक जिम्मेदारियों का कारण बताकर सरेंडर के लिए और समय देने की गुहार लगाई है।

आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट से मांगा समय

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में नाई का काम करने वाले गोविंद भाई ने समय विस्तार का अनुरोध करने के लिए कई कारण बताए। उन्होंने दावा किया कि वह अपने 88 वर्षीय बिस्तर पर पड़े पिता और 75 वर्षीय मां की देखभाल करने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। वे दोनों पूरी तरह से उन पर निर्भर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने दो बच्चों की वित्तीय जरूरतों के लिए जिम्मेदार थे। अंत में 55 वर्षीय नाई ने अपने स्वास्थ्य का भी हवाला देते हुए कहा कि वह अस्थमा से पीड़ित हैं और हाल ही में उनकी सर्जरी हुई है।

8 जनवरी 2024 को आया फैसला

सुप्रीम कोर्ट की जज बीवी नागरत्ना और उज्जवल भुयन की बेंच ने मामले में 11 दिनों तक सुनवाई की और अक्टूबर में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को सभी 11 अरोपियों की रिहाई ऑर्डर निरस्त कर दिया और फिर से जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी किए थे। दरअसल, आरोपियों की डेथ पेनाल्टी को आजीवन कारावास में बदला गया था। जिसके बाद गुजरात सरकार ने 14 साल की सजा के बाद इन्हें रिहा कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार से भी सवाल किए।

गुजरात सरकार ने आरोपियों को किया था रिहा

बिलकिस बानो का यह मामला 2002 के गुजरात दंगों से जुड़ा है। जिसमें बिलकिस बानो के साथ रेप और परिवार वालों की हत्या की गई। गुजरात सरकार ने सभी 11 आरोपियों को पिछले साल छोड़ दिया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के फैसले को रद्द किया और आरोपियों को जेल भेजने के निर्देश दिए।

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