सार
हाल के दिनों में राजस्थान में बर्ड फ्लू का अलर्ट देखा गया है, जहां आधा दर्जन जिलों में 250 से अधिक कौवे मृत पाए गए। मध्यप्रदेश के इंदौर में बर्ड फ्लू के मामलों की भी पुष्टि की गई। केरल में कोट्टायम और अलाप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों से बर्ड फ्लू का प्रकोप बताया गया है, जिससे अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों आदि को मारने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बाद देश में बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पोंग डैम लेक के पास मृत प्रवाशी पक्षी मिले है। जब उनका टेस्ट किया गया तो पता चला कि उन्हें बर्ड फ्लू था। हाल ही के दिनों में बर्ड फ्लू के केस मिलने शुरू हुए हैं। हिमाचल प्रदेश उनमें से चौथा राज्य है, जहां बर्ड फ्लू के केस मिले हैं। राजस्थान, केरल और एमपी के इंदौर में बर्ड फ्लू का अलर्ट है।
2000 प्रवासी पक्षियों की हुई मौत
हिमाचल प्रदेश के पोंग डैम सेंचुरी के पास करीब 2000 प्रवासी पक्षी मृत मिले। अभी तक इनकी मौत की वजहों का पता नहीं चला है। अधिकतर पक्षी जगमोली और गुगलाड़ा में मिले।
पक्षियों में एवियन इन्प्लूएंजा मिला
वाइल्ड फॉरेस्ट के प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर अर्चना शर्मा ने कहा बरेली इंडियन वेटर्नरी रिसर्च इन्स्टीट्यूट की लैब में मरे हुए पक्षियों का टेस्ट किया गया, जहां पता चला कि पक्षियों में एवियन इन्फ्लूएंजा का पता चला। अर्चना शर्मा ने बताया कि अभी वे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज (भोपाल) की तरफ से कन्फर्मेशन का इंतजार कर रही है।
95 प्रतिशत प्रवासी पक्षियों की हुई मौत
वन्यजीव के अधिकारियों ने बताया, साइबेरिया और मंगोलिया से आने वाले करीब 95 प्रतिशत पक्षियों की मौत हो चुकी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल विंटर में 1.15 से 1.20 लाख पक्षी पोंग डैम बर्ड सेंचुरी की तरफ आते हैं। चार महीने तक यहीं पर रहते हैं।
धर्मशाला में टूरिस्ट एक्टिविटी पर बैन
धर्मशाला प्रशासन ने पोंग डैम सेंचुरी में टूरिस्ट एक्टिविटी को अगले आदेश तक पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। इस बीच कांगड़ा के जिला मजिस्ट्रेट राकेश प्रजापति ने फतेहपुर, देहरा, जवाली और इंदौरा उपखंडों में किसी भी मुर्गी, पक्षियों, किसी भी नस्ल की मछलियों और उनके संबंधित उत्पादों पर रोक लगा दी है।
राजस्थान, केरल, इंदौर में बर्ड फ्लू का अलर्ट
हाल के दिनों में राजस्थान में बर्ड फ्लू का अलर्ट देखा गया है, जहां आधा दर्जन जिलों में 250 से अधिक कौवे मृत पाए गए। मध्यप्रदेश के इंदौर में बर्ड फ्लू के मामलों की भी पुष्टि की गई। केरल में कोट्टायम और अलाप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों से बर्ड फ्लू का प्रकोप बताया गया है, जिससे अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों आदि को मारने का आदेश दिया है। बर्ड फ्लू H5N1 इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाले पक्षियों में एक अत्यधिक संक्रामक और गंभीर श्वसन रोग है, जो कभी-कभी मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है।
गुजरात के जूनागढ़ में 53 पक्षियों की मौत
गुजरात के जूनागढ़ में 53 मृत पक्षी मिले, जिसके बाद से वन्यजीव अधिकारी अलर्ट पर हैं। अधिकारियों को संदेह है कि बर्ड फ्लू के कारण पक्षियों की मौत हो सकती है। जूनागढ़ जिले के मनावर तहसील के बटवा इलाके में 53 पक्षियों के शव मिले। मामले की जानकारी होने पर वन अधिकारियों की एक टीम मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सर्दियों के दौरान हर साल हजारों प्रवासी पक्षी गुजरात आते हैं और अधिकारियों का कहना है कि बर्ड फ्लू के फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बर्ड फ्लू का इंसानों पर असर?
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस से इंसान जल्दी संक्रमित नहीं होते हैं। इन वायरस से इंसानों के संक्रमण के दुर्लभ मामलों की सूचना मिली है। संक्रमित पक्षी अपने लार, श्लेष्म और मल में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस बहाते हैं। बर्ड फ्लू के वायरस के साथ मानव संक्रमण तब हो सकता है जब पर्याप्त वायरस किसी व्यक्ति की आंखों, नाक या मुंह में चला जाता है, या सांस के जरिए अंदर चले जाए। यह तब हो सकता है जब वायरस हवा में होता है।