सार
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Linkedin पर भारत के रक्षा उद्योग के विकास को लेकर लेख लिखा है। गुजरात के वडोदरा में C-295 विमान तैयार करने की फैक्ट्री के उद्घाटन का जिक्र करते हुए उन्होंने विस्तार से बताया है कि कैसे भारत की रक्षा क्रांति ने उड़ान भरी है। आगे पढ़ें पीएम का लेख...
कल (28 अक्टूबर) भारत की रक्षा और एयरोस्पेस यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण था। हमने स्पेन सरकार के प्रमुख पेड्रो सांचेज के साथ वडोदरा में सी-295 विमान विनिर्माण परिसर का उद्घाटन किया। शिलान्यास के दो साल बाद फैक्ट्री तैयार हो गई। यह नई कार्य संस्कृति है। इससे भारत के लोगों की क्षमताओं का पता चलता है।
संख्याओं में देखें भारत की सफलता
- रक्षा उत्पादन 2023-24 में बढ़कर 1.27 लाख करोड़ रुपए हो गया।
- रक्षा उत्पादों का निर्यात 2014 में 1 हजार करोड़ रुपए था। यह आज 21 हजार करोड़ रुपए हो गया है।
- 12,300 से अधिक रक्षा उत्पाद का तीन साल में स्वदेशीकरण हुआ है।
- 7,500 करोड़ रुपए से अधिक DPSU द्वारा घरेलू विक्रेताओं में निवेश किया गया है।
- रक्षा अनुसंधान और विकास बजट का 25% उद्योग-आधारित इनोवेशन के लिए दिया गया।
लेकिन, संख्याओं के अलावा भी कुछ चीजें हैं जो हर किसी को बहुत खुश कर देंगी।
बदल रहा है हमारा पूरा डिफेंस इकोसिस्टम
1. मैन्युफैक्चरिंग सफलता:
- स्वदेशी युद्धपोत हमारे जलक्षेत्र में गश्त कर रहे हैं।
- भारत में बने मिसाइलों से हमारी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हुई है।
- भारत में बने बुलेटप्रूफ जैकेट हमारे सैनिकों की सुरक्षा कर रहे हैं।
- भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। इसके साथ ही टॉप डिफेंस इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर बनने की दिशा में भी काम कर रहा है।
2. रणनीतिक बुनियादी ढांचा
- उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो आधुनिक डिफेंस कॉरिडोर बने हैं।
3. इनोवेटिव इनिशिएटिव
- iDEX (Innovations for Defence Excellence) पूरे स्टार्टअप इको-सिस्टम को सशक्त बना रहा है।
- MSME डिफेंस सप्लाई चेन का अभिन्न अंग बन रहे हैं।
- उद्योग-अकादमिक साझेदारी अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा दे रही है।
हमारी युवा शक्ति की ताकत, कौशल और सरकार के प्रयासों के कारण हम ये प्रभाव देख रहे हैं:
- आयात पर निर्भरता कम हुई।
- डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार के मौके मिले हैं।
- हमारे युवाओं का कौशल विकास हुआ है।
- रक्षा क्षेत्र में MSME को बढ़ावा मिल रहा है।
एक समय था जब हमारी सेनाओं को हथियारों और महत्वपूर्ण उपकरणों की कमी का सामना करना पड़ता था। आज आत्मनिर्भरता का युग है। यह एक ऐसी यात्रा है जिस पर हर भारतीय गर्व कर सकता है।
कार्रवाई का आह्वान
हमारे युवाओं, स्टार्टअप्स, निर्माताओं और इनोवेटर्स के लिए भारत का रक्षा क्षेत्र आह्वान कर रहा है। यह आपके लिए इतिहास का हिस्सा बनने का समय है। भारत को आपकी विशेषज्ञता और उत्साह की आवश्यकता है।
इनोवेशन के लिए दरवाजे खुले हैं। नीतियां सहायक हैं और अवसर अभूतपूर्व हैं। हम सब मिलकर भारत को न केवल रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे बल्कि रक्षा विनिर्माण में वैश्विक नेता भी बनाएंगे। आइए, हम सब मिलकर एक सशक्त एवं आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करें।
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