सार

आरएसएस ने शनिवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की एक बैठक मेरठ के संघ कार्यालय में बुलाई थी। जिसमें नागरिकता कानून को लेकर फैलाए गए भ्रम को दूर करने के लिए रैली आयोजित करने और पदयात्रा निकालने का निर्णय लिया गया है।

नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून पर लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए एक तरफ केंद्र सरकार, संघ और बीजेपी लगातार प्रयास कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। इस कानून के विरोध में सभी धर्म के लोग आगे आ रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के बीच अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मोर्चा संभाल लिया है। संघ इस संदर्भ में अब बीजेपी नेताओं को नया होमवर्क दे रहा है। संघ ने इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से की है।

दूर किया जाएगा भ्रम

आरएसएस ने शनिवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की एक बैठक मेरठ के संघ कार्यालय में बुलाई थी। बैठक में पश्चिम उत्तर प्रदेश से संघ के कई पदाधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में फैसला हुआ कि अल्पसंख्यक समाज में नागरिकता कानून के बारे में फैले भ्रम और भय को दूर किया जाए।

6 रैली और पदयात्रा का होगा आयोजन 

सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए पूरे उत्तर प्रदेश में छह रैलियां आयोजित करने का निर्णय लिया गया. बैठक में यह भी तय हुआ कि सभी सांसद और मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में पदयात्रा निकालेंगे, जो एक जनवरी से 15 जनवरी के बीच होगी।

असम में सीएए के विरोध में प्रदर्शन जारी

सीएए के विरोध में असम में हजारों लोग रविवार को सड़कों पर उतरे और कानून वापस लिये जाने तक प्रदर्शन का संकल्प लिया। विपक्षी कांग्रेस ने 22 दिसंबर को सदिया से धुबरी तक 800 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की थी जो गोलाघाट पहुंची और हजारों लोगों ने इसमें भाग लिया। सीएए के विरोध में नलबाड़ी में बड़ा प्रदर्शन हुआ जहां प्रसिद्ध गायक जुबिन गर्ग ने 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले एक नए क्षेत्रीय राजनीतिक दल के गठन का संकेत दिया। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस, एजीपी और बीजेपी सभी ने हमें ठगा है। हमें कुछ नया सोचना होगा. अगर जरूरत पड़ी तो हम अपनी पार्टी बनाएंगे और चुनाव लड़ेंगे।’’

मैं एनपीआर फॉर्म नहीं भरूंगा : अखिलेश

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि वह राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए फार्म नहीं भरेंगे। उन्होंने कहा, "बीजेपी तय नहीं करेगी कि मैं भारतीय हूं या नहीं। हम रोजगार चाहते हैं, एनपीआर नहीं।" हाल में राज्य में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि पुलिस फायरिंग में लोगों के मारे जाने के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, "हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट क्यों नहीं दी जा रही है? सरकार नहीं चाहती कि सच्चाई लोगों तक पहुंचे, क्योंकि वह जनता में बढ़ते गुस्से से आशंकित है। मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए अन्याय कर रहे हैं। यहां तक उनके विधायक उनके खिलाफ हैं।"

भारत को विभाजित करने वाली कांग्रेस कर रही विरोध: नड्डा

बीजेपी ने सीएए पर धारणा की लड़ाई जीतने के लिए एक विशाल राष्ट्रव्यापी प्रचार अभियान शुरू किया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस कानून को दलितों के उत्थान से जोड़ते हुए कहा, "सीएए के माध्यम से जिनको फायदा होगा, उनमें से 70 प्रतिशत लोग दलित समुदाय से आते हैं। ऐसे में कई दलित नेता कानून को लेकर बहस कर रहे हैं। कम से कम बोलने से पहले सोचें।"