सार

केंद्र सरकार ने देश भर में 12 नए इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनाने का फैसला किया है। इसपर 28,602 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 12 नए इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनाने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार द्वारा लिए गए बड़े फैसलों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 10 लाख लोगों को रोजगार देने जा रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में पूरे भारत में 12 नए औद्योगिक स्मार्ट सिटी बनाने का फैसला किया गया है। सरकार इसपर 28,602 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इससे मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। कैबिनेट ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत इसकी मंजूरी दी है। ये परियोजनाएं 10 राज्यों में फैलेंगी और 6 प्रमुख गलियारों से जुड़ेंगी।

9 राज्यों में बनेंगे 12 इंडिस्ट्रियल स्मार्ट सिटी

1- खुरपिया, उत्तराखंड

2- राजपुरा और पटियाला, पंजाब

3- दिघी, महाराष्ट्र

4- पलक्कड़, केरल

5- आगरा और प्रयागराज, उत्तर प्रदेश

6- गया, बिहार

7- जहीराबाद, तेलंगाना

8- ओरवाकल और कोप्पर्थी, आंध्र प्रदेश

9-जोधपुर-पाली, राजस्थान

इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी में होंगी ये खास बातें

  • इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात हासिल करने में मदद करेगें।
  • शहरों को वैश्विक मानकों के अनुसार ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • इन शहरों को 'प्लग-एन-प्ले' और 'वॉक-टू-वर्क' कॉन्सेप्ट पर विकसित किया जाएगा।
  • इन शहरों में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर होगा। यह लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की बिना बाधा के आवाजाही सुनिश्चित करेगा।
  • विकसित भूमि का आवंटन तत्काल होगा। इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए भारत में फैक्ट्रियां लगाना आसान होगा।
  • 10 लाख प्रत्यक्ष और 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

केंद्रीय कैबिनेट के अन्य फैसले

  • 4 राज्यों (ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़) के 7 जिलों को कवर करने वाली रेल मंत्रालय की 3 परियोजनाओं को मंजूरी मिली है।
  • 1,300 गांवों के 11 लाख लोगों को कनेक्टिविटी देने के लिए नई लाइन परियोजनाएं शुरू होंगी।
  • रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को 300 किलोमीटर तक बढ़ाया जाएगा।
  • 14 नए स्टेशनों का निर्माण होगा। क्षमता वृद्धि से 45 MTPA की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। 6,456 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • 234 नए शहरों/कस्बों में निजी एफएम रेडियो शुरू करने को मंजूरी दी गई है। इनमें वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र शामिल हैं।
  • 234 नए शहरों में 730 चैनलों के लिए ई-नीलामी होगी। अनुमानित मूल्य 784.87 करोड़ रुपए है।

किस राज्य में कितने नए निजी एफएम रेडियो शुरू होंगे?

  • आंध्र प्रदेश-22
  • राजस्थान- 19
  • असम- 6
  • तमिलनाडु- 11
  • बिहार- 18
  • तेलंगाना- 10
  • गुजरात- 8
  • उत्तर प्रदेश- 32
  • हरियाणा- 9
  • कर्नाटक- 16
  • मध्य प्रदेश- 20
  • महाराष्ट्र- 11
  • ओडिशा- 6
  • पश्चिम बंगाल- 13
  • पंजाब- 9
  • छत्तीसगढ़- 3
  • झारखंड- 6
  • केरल- 2
  • मिजोरम- 1
  • मेघालय-1
  • मणिपुर-1
  • नागालैंड-3
  • त्रिपुरा- 1
  • उत्तराखंड-2
  • अंडमान और निकोबार- 1
  • दमन- 1
  • जम्मू और कश्मीर- 1
  • लक्षद्वीप- 1

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