सार
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को तीसरी बार सर्विस एक्टेंशन मिल गया है। वह अगले साल अगस्त तक अब कैबिनेट सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे सकेंगे।
Cabinet Secretary Rajiv Gauba got another extension: कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को एक और सेवा विस्तार मिल गया है। अप्वाइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट ने कैबिनेट सचिव गौबा की सेवा को एक साल का एक्टेंशन दिया है। अब वह अगले साल अगस्त महीने तक कैबिनेट सचिव पद पर बने रहेंगे। राजीव गौबा का यह तीसरा सेवा विस्तार है। अब वह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद रिटायर होंगे। कैबिनेट सचिव ब्यूरोक्रेसी का सबसे महत्वपूर्ण और सर्वोच्च पद होता है।
2019 में पहली बार गौबा बने थे कैबिनेट सेक्रेटरी
राजीव गौबा, साल 2019 में भारत के कैबिनेट सेक्रेटरी बनाए गए थे। इसके बाद उनको दो बार सेवा विस्तार दिया गया। 30 अगस्त 2023 तक वह पद पर बने रहते लेकिन उनको एक बार फिर सेवा विस्तार दे दिया गया है। अब वह अगले साल 2024 के 30 अगस्त तक पद पर बने रहेंगे।
गृह सचिव रहते जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटाने का ड्राफ्ट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका
राजीव गौबा देश के कैबिनेट सचिव बनाए जाने के पहले गृह सचिव थे। गौबा के नेतृत्व में ही जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने का ड्राफ्ट तैयार कराया गया था। गौबा मोदी सरकार के सबसे भरोसेमंद ब्यूरोक्रेट्स में एक हैं।
ED डायरेक्टर संजय मिश्रा के एक्सटेंशन को सुप्रीम कोर्ट ने बताया था अवैध
उधर, ईडी डायरेक्टर संजय मिश्रा के तीसरे एक्सटेंशन पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अवैध करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में ही उनको पद से हटाने का निर्देश दिया था। हालांकि, सरकार ने ग्लोबल टेरर फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था FATF रिव्यू का हवाला देते हुए बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकर को इस पर फटकार लगाते हुए यहां तक कहा था कि क्या कोई सक्षम अधिकारी ही पूरे देश में नहीं है। कई कड़े सवाल करने के बाद कोर्ट ने संजय मिश्रा को 15 सितंबर तक राहत दे देते हुए इसके बाद कोई आवेदन न करने की भी नसीहत दी थी। पढ़िए और क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने…