सार
सीडीएससीओ ने 6-12 साल के बच्चों के लिए कोवैक्सिन (covaxin), 5-12 साल के बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स (corbevax) और 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए 'ZyCoV-D' की 2 डोज को मंजूरी दी है।
नई दिल्ली। देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना महामारी की चपेट में बच्चे भी आ रहे हैं। इसके चलते केंद्र सरकार बच्चों के टीकाकरण पर अधिक ध्यान दे रही है। इसी क्रम में भारत में दवाओं के इस्तेमाल को रेगुलेट करने वाले केंद्र सरकार के संगठन सीडीएससीओ (Central Drugs Standard Control Organization) ने बच्चों में आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए तीन कोविड -19 टीकों को मंजूरी दी है।
सीडीएससीओ के अनुसार 6-12 साल के बच्चों को कोवैक्सिन का टीका दिया जा सकता है। इसी तरह 5-12 आयु वर्ग के बच्चों को कोर्बेवैक्स लगाया जा सकता है। वहीं, 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए 'ZyCoV-D' की 2 डोज को मंजूरी दी गई है। दूसरी ओर भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने 5-12 साल के बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स और 6-12 साल के बच्चों के लिए कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दे दी है।
12-14 साल के बच्चों दो दिया जा रहा कोर्बेवैक्स
बता दें कि वर्तमान में भारत में 12-14 साल के बच्चों को कोर्बेवैक्स दी जा रही है। इसे बायोलॉजिकल ई नाम की कंपनी ने बनाया है। CDSCO की कोविड-19 पर गठित विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) की सिफारिशों के बाद DCGI ने इसके इस्तेमाल की अनुमति दी है। एसईसी ने 5-12 साल के बच्चों के लिए ‘कोर्बेवैक्स' और 6-12 साल के बच्चों के लिए कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश पिछले सप्ताह की थी।
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12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को लगाया जा रहा टीका
गौरतलब है कि अभी भारत में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों का टीकाकरण चल रहा है। 16 मार्च 2022 को 12-14 साल के बच्चों का टीकाकरण शुरू हुआ था। 3 जनवरी 2022 से 15-18 साल के बच्चों का टीकाकरण शुरू हुआ था। पीएम मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा कि मार्च में 12-14 वर्ष साल के बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। कल ही 6-12 वर्ष के बच्चों के लिए कोवैक्सीन वैक्सीन की अनुमति दी गई है। हमारी प्राथमिकता सभी योग्य बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण करना है। इसके लिए पहले की तरह स्कूलों में भी विशेष अभियान चलाने की जरूरत होगी। शिक्षकों और अभिभावकों को इसके बारे में जागरूक होना चाहिए।
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