सार

केंद्र सरकार ताजा डेवलपमेंट में पीएफआई की वेबसाइट्स और सभी तरह के सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले केंद्र ने इस संगठन और इससे जुड़े अन्य संगठनों पर 5 साल का बैन लगा दिया है। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने फेसबुक और ट्विटर को यह सूचना दी है कि पीएफआई से जुड़े सभी अकाउंट्स को तुरंत बंद किया जाए।
 

PFI Websites and Social Media Accounts Block. केंद्र सरकार ताजा डेवलपमेंट में पीएफआई की बेवसाइट्स और सभी तरह के सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले केंद्र ने इस संगठन और इससे जुड़े अन्य संगठनों पर 5 साल का बैन लगा दिया है। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने फेसबुक और ट्विटर को यह सूचना दी है कि पीएफआई से जुड़े सभी अकाउंट्स को तुरंत बंद किया जाए।

किसे-किसे किया जा रहा ब्लॉक
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके आठ सहयोगियों की वेबसाइटों और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि उन्हें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत उनकी गतिविधियों का प्रचार करने से रोका जा सके। जानकारी के अनुसार ट्विटर सहित फेसबुक, इंस्टाग्राम अकाउंट, यूट्यूब चैनल या पीएफआई चैनल पर रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ) की कोई अन्य ऑनलाइन उपस्थिति है तो उसे तत्काल रिमूव करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही राष्ट्रीय महिला मोर्चा, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और पुनर्वास फाउंडेशन (केरल) को स्थायी रूप से ब्लॉक किया जा रहा था। उनके द्वारा पोस्ट की गई सामग्री को भी हटाया जा रहा है। 

सोशल मीडिया अकाउंट रिमूव हो रहे
खबर लिखे जाने तक पीएफआई, आरआईएफ और एआईआईसी की वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया गया है। एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि दूरसंचार विभाग के आदेश पर अन्य लोगों को भी ब्लॉक करने की प्रक्रिया चल रही है। अधिकारी ने कहा कि फेसबुक और ट्विटर सहित सोशल मीडिया कंपनियों को पीएफआई से संबंधित अकाउंट या किसी भी सामग्री को हटाने के लिए निर्देश भेजे जा रहे हैं। 

प्रॉक्सी अकाउंट्स पर भी होगी कार्रवाई
पीएफआई को एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है और उसे कोई प्रेस बयान जारी करने से भी रोक दिया गया है। एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि पीएफआई, सीएफआई, आरआईएफ और अन्य सहयोगियों से जुड़े व्हाट्सएप खातों की निगरानी की जाएगी और किसी भी राष्ट्र विरोधी गतिविधि पर मुकदमा चलाया जाएगा। दूसरे अधिकारी ने कहा कि अगर पीएफआई या उसका कोई सहयोगी अपनी गतिविधियों के लिए कोई प्रॉक्सी सोशल मीडिया अकाउंट या वेबसाइट खोलते हैं तो उसे भी ब्लॉक किया जा सकता है।

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