सार
भारत का महत्वाकांक्षी अभियान चंद्रयान-3 2022 में मार्च तक लॉन्च होने की संभावना है। यह जानकारी मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी।
नई दिल्ली. अगले साल भारत चांद पर फिर से छलांग लगाने जा रहा है। देश का महत्वाकांक्षी अभियान चंद्रयान-3 वर्ष, 2020 में मार्च तक लॉन्च होने की संभावना है। यह जानकारी केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी। बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा, चंद्रयान-3 को साकार करने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि कोविड 19 महामारी के चलते इसका काम प्रभावित हुआ था। हालांकि जो इससे जुड़े जो काम वर्क फ्रॉम संभव थे; उन पर काम चलता रहा। अब इस पर काम अंतिम चरण में है।
चंद्रयान-2 पूरी तरह सफल नहीं हो सका था
बता दें कि 22 जुलाई, 2019 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) ने चंद्रयान-2 लॉन्च किया था। लेकिन 6 सितंबर को यह लैंडर में तकनीकी खामी के कारण अपने रास्ते से भटक गया था। इसके बाद इसकी चांद पर सुरक्षित लैंडिंग नहीं हो सकी थी। यह अपने साथ चांद की मिट्टी का विश्लेषण करने कुछ उपकरण लेकर गया था। चंद्रयान-2 जैसा ही कॉन्फ़िगरेशन है चंद्रयान 3। लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा। यानी चंद्रयान-2 के दौरान लॉन्च किए गए ऑर्बिटर का इस्तेमाल चंद्रयान-3 के लिए किया जाएगा। बता दें कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अभी भी चांद पर ठीक से काम कर रहा है। वो वहां से आंकड़े भेज रहा है।
इससे पहले 22 अक्टूबर, 2008 को चंद्रयान-1 का सफल परीक्षण किया गया था।
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