सार

कड़कड़ाती ठंड से चलते चीन के सैनिक सीमा पर टिक नहीं पा रहे हैं। भारत के जवान सामने तैनात हैं इसलिए वे मोर्चा छोड़ भी नहीं सकते। ऐसे में चीन ने अपने सैनिकों को ठंड से बचाने के लिए रोबोट आर्मी को मैदान में उतार दिया है।

लद्दाख। सीमा को लेकर हुए भारत और चीन के बीच तनाव के बाद से दोनों देशों की सेना LAC (Line of Actual Control) पर तैनात है। तिब्बत (Tibet) के इन ऊंचे पहाड़ी इलाकों में भीषण ठंड पड़ती है, जिसके चलते इंसान का टीके रहना कठिन होता है। लद्दाख में इन दिनों न्यूनतम तापमान माइनस 20 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है। 

ठंड का मौसम शुरू होने पर भी चीन ने अपनी सेना को सीमा से पीछे नहीं बुलाया। इसके चलते भारतीय सेना ने भी पूरी तैयारी की और सीमा पर डटी हुई है। इस बीच खबर आ रही है कि कड़कड़ाती ठंड से चलते चीन के सैनिक सीमा पर टिक नहीं पा रहे हैं। भारत के जवान सामने तैनात हैं इसलिए वे मोर्चा छोड़ भी नहीं सकते। ऐसे में चीन ने अपने सैनिकों को ठंड से बचाने के लिए रोबोट आर्मी को मैदान में उतार दिया है। चीन के रोबोट की तरह काम करने वाले मानवरहित वाहन सैनिकों की जगह सीमा पर पहरेदारी कर रहे हैं। 

शार्प क्लॉ व्हीकल्स और ऑटोमेटिक Mule-200 तैनात
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन ने तिब्बत और लद्दाख में एलएसी पर दर्जनों ऑटोमैटिक और रोबोट की तरह इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों को तैनात किया है। चीन ने 88 शार्प क्लॉ व्हीकल्स (Sharp Claw Vehicles) तैनात किया है। इनमें से 38 व्हीकल्स लद्दाख में तैनात किए गए हैं। इसका इस्तेमाल निगरानी के साथ हथियार और सामान ढोने में किया जा रहा है। इसके साथ ही चीन ने सीमा पर 120 ऑटोमेटिक Mule-200 अनमैन्ड व्हीकल्स भी तैनात किए हैं। ये गाड़ियां निगरानी के साथ-साथ 50 किमी तक हमला भी कर सकती हैं। ये 200kg गोला-बारूद और हथियारों को ढो सकते हैं। वायरलेस से कंट्रोल होने वाली ये गाड़ियां रोबोट की तरह लड़ाई भी लड़ सकती हैं।

लद्दाख में मई 2020 से जारी है तनाव
भारत और चीन के बीच लद्दाख में मई 2020 से तनाव चल रहा है। इसी दौरान गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे, लेकिन उसने कभी भी उनकी सही संख्या नहीं बताई। इसके अलावा भी इस इलाके में भारत और चीन के सैनिक कई मौके पर आमने-सामने आ गए। चीनी सैनिकों को ठंडे इलाकों में लड़ाई का अनुभव नहीं है, जिस वजह से उन्हें सर्दी में तैनाती के दौरान परेशानी हो रही है।

 

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