सार
कपिल सिब्बल व गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं (जी -23) के समूह का हिस्सा हैं जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नेतृत्व पर ही सवाल उठाए थे। ये लोग कांग्रेस में ही एक अलग गुट बनाए हुए हैं जो पार्टी के आंतरिक फैसलों का मुखर विरोध कर रहे हैं।
नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) संगठन पूरे देश में संकट के दौर से गुजरता नजर आ रहा है। पंजाब, छत्तीसगढ़, गोवा, यूपी के साथ साथ अब पार्टी के बड़े असंतुष्ट नेताओं वाले जी-23 (G-23) ने एक बार फिर केंद्रीय नेतृत्व पर हमला बोल दिया है। सीनियर लीडर कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) के बाद अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने सोनिया गांधी को चिट्टी लिखकर सीडब्ल्यूसी मीटिंग बुलाने की मांग की है।
सिब्बल ने फैसलों पर भी उठाए आवाज
कपिल सिब्बल ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह कहा था कि कांग्रेस में क्या हो रहा है यह पता नहीं चल रहा है। अब तो यह भी पता नहीं लग रहा कि कांग्रेस में फैसले कौन ले रहा है। कांग्रेस के पास एक नियमित अध्यक्ष तक नहीं है।
सिब्बल ने बातों बातों में इशारा किया कि जो कभी खास हुआ करते थे वह छोड़कर जा रहे हैं और जो खास नहीं थे वह साथ खड़े हैं। उन्होंने पंजाब में कांग्रेस में मचे घमासान पर भी नेतृत्व पर सवाल उठाया। कहा इस सीमावर्ती राज्य में ऐसी कोई भी स्थिति नहीं होनी चाहिए जिसका पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और सीमापार के दूसरे तत्व फायदा उठा सकें।
गुलाम नबी आजाद, सिब्बल हैं जी-23 ग्रुप के नेता
कपिल सिब्बल व गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं (जी -23) के समूह का हिस्सा हैं जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नेतृत्व पर ही सवाल उठाए थे। ये लोग कांग्रेस में ही एक अलग गुट बनाए हुए हैं जो पार्टी के आंतरिक फैसलों का मुखर विरोध कर रहे हैं।
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