सार
अपने controversial statements से हमेशा मीडिया की चर्चाओं में रहने वाले मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने RSS और तालिबान की तुलना करके एक विवादास्पद tweet किया है।
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक विवादास्पद Tweet किया है। मोहन भागवत ने किसी संदर्भ में कहा होगा कि महिलाओं को घर ही रहकर गृहस्थी संभालना चाहिए। इसे दिग्विजय ने तालिबान के शरिया कानून से जोड़कर एक tweet किया है। इसमें लिखा-
तालीबान-महिलाएं मंत्री बनाए जाने लायक़ नहीं हैं।
मोहन भागवत- महिलाओं को घर पर ही रह कर गृहस्थी सम्भालना चाहिए।
क्या विचारों में समानता है?
इससे पहले भी कर चुके हैं विवादास्पद tweet
दिग्विजय सिंह ने इससे पहले एक tweet किया था। इसमें लिखा था-मोदी-शाह सरकार को अब स्पष्ट करना होगा कि जिस तालिबान सरकार में घोषित आतंकवादी संगठन के सदस्य व इनाम घोषित आतंकवादी मंत्री हैं, उसे क्या भारत मान्यता देगा?
जावेद अख्तर का सपोर्ट कर चुके हैं
दिग्विजय सिंह जावेद अख्तर के विवादास्पद बयान का पक्ष ले चुके हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा था कि भारतीय संविधान व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आजादी देता है। हालांकि दिग्विजय सिंह ने यह भी जोड़ा था-'मुझे नहीं पता कि उन्होंने(जावेद अख्तर) ने ऐसा किस संदर्भ में कहा था।'
बता दें कि एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने कहा था कि तालिबान बर्बर हैं, उनकी हरकतें निंदनीय हैं। मगर आरएसएस, विहिप और बजरंग दल का समर्थन करने वाले सभी एक जैसे हैं। जावेद अख्तर ने कथित तौर पर यह भी कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जनसंख्या भी काफी हद तक धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो आरएसएस और वीएचपी जैसे संगठनों का समर्थन करते हैं और नाजियों के समान विचारधारा रखते हैं।
ये नेता भी दे चुके हैं ऐसे ही बयान
Afghanistan में तालिबान की सरकार बनने के बाद कई मुस्लिम नेताओं और दूसरे लोगों ने विवादास्पद बयान दिए थे। इनमें शायर मुनव्वर राणा और सपा सांसद शफीककुर्रहमान बर्क भी शामिल हैं। इसके बाद National Conference के नेता फारुख अब्दुल्ला ने खुशी जाहिर करते हुए कहा था कि तालिबान इस्लामिक सिद्धांतों पर अच्छी सरकार देगा। उनके इस बयान पर भाजपा ने आपत्ति लेते हुए कई सवाल खड़े किए गए थे।