सार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई के पर्सनल असिस्टेंट की मंगलवार को मौत हो गई। बिश्नोई के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रही है। कांग्रेस का पीए साउथ दिल्ली स्थित अपने घर पर बेहोशी की हालत में मिला। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया।
नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई के पर्सनल असिस्टेंट की मंगलवार को मौत हो गई। बिश्नोई के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रही है। कांग्रेस का पीए साउथ दिल्ली स्थित अपने घर पर बेहोशी की हालत में मिला। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बिश्नोई पर पिछले 24 घंटे में हुई छापेमारी के बाद पीए सुकुमार भी ईडी की राडार में था। जांच एजेंसिया पिछले एक हफ्ते से हरियाणा और कश्मीर में छापेमार रही थीं।
तनाव में था सुकुमार
पुलिस ने सुकुमार के शव को पोस्टमार्टम के बाद घरवालों को सौंप दिया। हालांकि, घरवालों ने सुकुमार की मौत के लिए किसी पर आरोप नहीं लगाए। नाहि सुसाइड नोट मिलने की बात कही। घरवालों के मुताबिक सुकुमार तनाव में था।
कौन हैं कुलदीप बिश्नोई ?
दोनों भाई दिवंगत हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे हैं। बिश्नोई आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं। मोहन राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम हैं। कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई भी हांसी विधानसभा सीट से विधायक हैं। पति-पत्नी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा जनहित कांग्रेस के उम्मीदवारों के रूप में जीत हासिल की थी। 2016 में पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया।
150 करोड़ की संपत्ति जब्त
आयकर विभाग ने बुधवार को गुड़गांव में बेनामी संपत्ति के तहत 150 करोड़ रुपए के होटल को जब्त की थी। जांच में पता चला कि यह बेनामी संपत्ति हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे और कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई और चंदर मोहन की है। दिल्ली बेनामी निषेध इकाई ने होटल की संपत्ति की कुर्की का आदेश जारी किया था। इसके बाद आयकर विभाग ने कार्रवाई की।
जुलाई में 78 घंटे तक चली थी छापेमारी
इसी साल 23 जुलाई को आयकर विभाग ने कुलदीप बिश्नोई के घर और दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में 13 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यहां से 200 करोड़ की अघोषित विदेशी संपत्ति और कर चोरी के सबूत मिले थे। छापेमारी कुल 77 घंटे 45 मिनट तक चली थी।
बेनामी संपत्ति वह है जिसकी कीमत किसी और ने चुकाई हो, लेकिन नाम किसी दूसरे व्यक्ति का हो। यह संपत्ति पत्नी, बच्चों या किसी रिश्तेदार के नाम पर खरीदी गई होती है।