सार
Corona Virus की तीसरी लहर की आशंका के बीच देश में फिर से मामले बढ़ रहे हैं। बीते दिन 46000 से अधिक मामले सामने आए। इनमें 66% अकेले केरल से हैं।
नई दिल्ली. Corona Virus की तीसरी लहर की आशंका के बीच भारत में नए मामलों में आई उछाल ने चिंता बढ़ा दी है। केरल की स्थिति सबसे खराब है। बीते दिन देश में 46000 से अधिक नए मामले सामने आए। 31000 से अधिक लोग रिकवर हुए। इस दौरान 514 लोगों की मौत हुई। देश में अब तक 3.26 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। अब तक 3.18 करोड़ रिकवर हो चुके हैं। इस समय 3.53 लाख एक्टिव केस हैं। अब तक 4.37 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
केरल ने चिंता बढ़ाई
संक्रमण के मामले में केरल की स्थिति सबसे बुरी है। यहां बीते दिन कुल मामलों के 66 प्रतिशत यानी 32 हजार से अधिक केस आए। रिकवरी सिर्फ 18500 के करीब हुई। यहां बीते दिन 179 लोगों की मौत हुई। इस समय यहां 1.95 एक्टिव केस हैं, जो देश में सबसे अधिक हैं। केरल में देश के कुल मामलों के दो-तिहाई केस दर्ज किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र में एक्टिव केस 51 हजार हैं, जो देश में दूसरे नंबर पर आते हैं। महाराष्ट्र में बीते दिन 4 हजार से अधिक नए मामले मिले। यहां बीते दिन 170 लोगों की मौत हुई। रिकवरी 3300 के आसपास।
वैक्सीनेशन में शुक्रवार को रिकॉर्ड टूटा
शुक्रवार को देश में कोरोना वैक्सीनेशन का नया रिकॉर्ड बना। एक करोड़ से ज्यादा लोगों को टीके लगाए गए हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, भारत में कल कोरोना वायरस के लिए 17,61,110 सैंपल टेस्ट किए गए, कल तक कुल 51,68,87,602 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं।
केरल और महाराष्ट्र को नसीहत
केंद्रीय गृह सचिव ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक की अध्यक्षता कर कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए केरल और महाराष्ट्र की सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की। केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि संक्रमण में वृद्धि पर काबू पाने के लिए और ज्यादा प्रयास किए जाने की जरूरत है। इसके लिए उच्च संक्रमण वाले भौगोलिक क्षेत्रों में कॉटेंक्ट ट्रेसिंग, टीकाकरण अभियानों और कोविड की दृष्टि से उपयुक्त व्यवहार जैसे उपायों के जरिए उपयुक्त हस्तक्षेप किए जाने की आवश्यकता होगी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्य सरकारों को अधिक पॉजिटिव मामलों वाले क्षेत्रों में रात का कर्फ्यू लगाने की संभावनाएं तलाशनी चाहिए। राज्य सरकारों को सलाह दी गई कि वे अपने यहां चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान जारी रखें तथा यदि उन्हें और ज्यादा टीकों की आवश्यकता है, तो जहां तक संभव होगा, उन्हें और ज्यादा टीके उपलब्ध कराए जाएंगे। हालांकि प्राप्त हो चुकी टीकों की खुराकों का उपयोग करने की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए।