सार

डॉक्टरों के अनुसार लोगों की जीवनशैली बदली है, इसके चलते हृदय रोगियों की संख्या बढ़ी है। इसके साथ ही कोरोना महामारी ने इंसानी शरीर को बदला है, जिसके चलते भी दिल के रोग अधिक हो रहे हैं।

नई दिल्ली। शुक्रवार को विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) था। आज हृदय रोगों और इसे रोकने के तरीकों के बारे में अधिक जागरूकता है। इस बीच हृदय रोग के मामले बढ़ रहे हैं। डांस या जीम में वर्कआउट करते-करते दिल का दौड़ा पड़ने की खबरें आए दिन सामने आ रहीं है। इसके चलते डॉक्टर हृदय रोगों में वृद्धि की जांच करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

डॉक्टरों के अनुसार लोगों की जीवनशैली बदली है, इसके चलते हृदय रोगियों की संख्या बढ़ी है। इसके साथ ही कोरोना महामारी ने इंसानी शरीर को बदला है, जिसके चलते भी दिल के रोग अधिक हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि खराब जीवनशैली और तनाव हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं।

दिल के लिए खतरनाक है डायबिटीज

वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रंजन शर्मा का मानना है कि हृदय रोग के कारणों और रोकथाम को समझना महत्वपूर्ण है। भारत जैसे विकासशील देशों में हृदय रोग काफी आम है। जैसे-जैसे समय बीतता है, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का प्रसार बढ़ता है। इसके चलते अचानक हृदय संबंधी रोगों में मृत्यु दर बढ़ती है।

हमारे भौगोलिक और आनुवंशिक कारकों के साथ-साथ बढ़ते शहरीकरण के कारण अधिक लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज हाइपरटेंशन और मोटापे को बढ़ावा देता है। जीवनशैली ऐसी हो गई है कि शारीरिक श्रम कम हो रहा है। ऐसी जीवनशैली और तनाव से 25 से 50 वर्ष के लोगों में हृदय रोग होने का खतरा बढ़ गया है।

हृदय रोग से बचने के लिए व्यायाम जरूरी

डॉ. रंजन शर्मा ने कहा, "विकसित देशों में जागरूकता बढ़ने और नियमित व्यायाम के कारण हृदय रोग कम हो गया है। दूसरी ओर भारत में दिल के रोगी बढ़ रहे हैं। हम युवाओं में हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ता देख रहे हैं। इसका देश की आर्थिक स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। हृदय रोग से बचने के लिए शारीरिक गतिविधि जरूरी है। स्कूलों या कॉलेजों को ही नहीं, बल्कि ऑफिसों को भी अपने कर्मचारियों को स्वस्थ जीवन शैली जीने के बारे में शिक्षित करना चाहिए। हृदय रोग से बचने के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट जरूरी है। इसके साथ ही अधिक कैलोरी वाले भोजन से परहेज और व्यायाम को अपने जीवनशैली का हिस्सा बनाना जरूरी है।"

कोरोना के संक्रमण से बदला इंसानी शरीर

वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुवरो बनर्जी ने कहा कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय की समस्याएं जैसी गैर-संचारी बीमारियां बढ़ रही हैं। युवाओं को हृदय संबंधी समस्याएं अधिक क्यों हो रही हैं? इस पर सुवरो बनर्जी ने कहा, “कोरोना महामारी ने इंसानी शरीर को बदल दिया है। कोविड के बाद के युवाओं को धमनियों के मोटे होने का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण से खून की नलियों में बदलाव आता है। इससे धमनियां सख्त हो जाती है, जिससे खून को जमने का खतरा बड़ जाता है। ऐसा होने पर दिल का दौरा पड़ता है।"