सार

दिल्ली के जहांगीरपुरी में बुधवार को आरोपियों के अतिक्रमण गिराने के दौरान हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अधिकारी अभियान रोकने को राजी नहीं थे। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से अधिकारियों को फोन किया गया, जब जाकर अभियान बंद हुआ। 

नई दिल्ली। दिल्ली के जहांगीरपुरी में बुधवार को बुलडोजर से आरोपियों के मकान गिराने की कार्रवाई के दौरान  सीपीएम नेता वृंदा करात  (brinda Karat) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के आदेशों की प्रति लहराते हुए बुलडोजर को रोका। दो घंटे के तनावपूर्ण माहौल के बीच नगरीय निकाय के ड्राइवर ने अदालत के आदेश के बावजूद अतिक्रमण विरोधी अभियान को रोकने से इनकार कर दिया।

9 बुलडोजरों के साथ पहुंची 14 टीमें
सुबह 9:30 बजे 14 टीमों के साथ बुलडोजर दिल्ली के जहांगीरपुरी पहुंचा, जहां 16 अप्रैल को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी। नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने यहां अतिक्रमण हटाने के लिए 9 बुलडोजर लगाए थे।  इस अभियान के लिए 1,500 से अधिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया था। बुलडोजर के साथ सैकड़ों अधिकारियों ने कुछ दुकानों और एक मस्जिद को घेर लिया जहां शनिवार को झड़पें हुई थीं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी दीपेंद्र पाठक ने बताया कि हम यहां सुरक्षा देने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नियुक्त किए गए हैं।  

कोर्ट में एमपी, यूपी और गुजरात के अभियानों का जिक्र
उधर, अतिक्रमण गिराने वाले अभियान को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों का हवाला देते हुए कहा कि यह लोगों को परेशान करने वाला तरीका है। सांप्रदायिक झड़पों के बाद बिना जांच के एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। दिल्ली नगर निगम ने इस अभियान से पहले किसी को सूचना तक नहीं दी।  

जैसे ही भाजपा शासित नगरीय निकाय ने अतिक्रमण हटाना शुय शुरू किया, सीजेआई एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने अगली सुनवाई तक अभियान रोकने का आदेश दिया। इसके बावजूद भी बुलडोजरों के पहिये नहीं रुके। अधिकारियों ने मस्जिद की ओर जाने से पहले दुकानों को गिराना शुरू कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमोर पास अभी तक अदालत का आदेश नहीं आया है। आदेश आने तक हम कार्रवाई नहीं रोक सकते हैं।  

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वृंदा करात के पहुंचने के बाद भी चलता रहा ड्रामा
भारी तनाव के बीच मस्जिद की एक दीवार और एक गेट को तोड़ा गया और आसपास की कुछ दुकानों को गिरा दिया गया। दोपहर करीब 12 बजे सीपीएम नेता वृंदा करात आदेश की कॉपी के साथ मौके पर पहुंचीं और पुलिस और नगर निगम के कर्मचारियों को तत्काल कार्रवाई बंद करने को कहा। उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे बुलडोजर के सामने खड़ी होकर उसका रास्ता रोक रही थीं। उन्होंने बुलडोजर रोकने के लिए पुलिस से भी मुलाकात की।  इसी दौरान याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अतिक्रमण गिराना बंद नहीं हुआ है।  उनका कहना है कि आदेश की जानकारी नहीं है। वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने सीजेआई से कहा कि कोर्ट के आदेश की खबर मीडिया के जरिये तुरंत सामने आई, लेकिन फिर भी कार्रवाई जारी है। ऐसा हुआ तो बहुत देर हो जाएगी। इस पर सीजेआई ने महासचिव या महापंजीयक (शीर्ष न्यायालय के) के माध्यम से तुरंत सूचित करने के आदेश दिए। इसके बाद  सीजेआई ने कोर्ट स्टाफ को नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के मेयर, कमिश्नर और दिल्ली पुलिस के नंबर लेने के आदेश दिए।  तब जाकर कहीं दो घंटे बाद अभियान रुक पाया।  

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