Cyclone Ditvaah तमिलनाडु और पुडुचेरी के करीब पहुँच चुका है, और कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी है। IMD का दावा है कि तूफान लैंडफॉल नहीं करेगा, लेकिन बदलती हवा की स्पीड और तेज बारिश नए खतरे की ओर संकेत कर रही है।
चेन्नई। साइक्लोन दितवाह एक बार फिर दक्षिण भारत के मौसम को लगातार प्रभावित कर रहा है। तमिलनाडु और पुडुचेरी में आज पूरे दिन से मौसम में अचानक बदलाव देखा गया है। हवा की स्पीड कम होने के बावजूद कई जिलों में बहुत भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। इंडिया मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का बड़ा अपडेट यह है कि यह साइक्लोन जमीन से नहीं टकराएगा, लेकिन इसके असर से कई तटीय इलाके प्रभावित हो सकते हैं। तमिलनाडु के लोगों को राहत की बात यह है कि तूफान की ताकत धीरे-धीरे कम हो रही है, लेकिन खतरा पूरी तरह टला नहीं है। तटीय जिलों में तेज हवा, गिरे हुए पेड़, पानी भराव और बिजली कटौती की स्थिति बन सकती है।
क्या साइक्लोन दितवाह नवंबर के आखिरी दिनों में मौसम को और खराब करेगा?
साइक्लोन दितवाह फिलहाल बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी में सक्रिय है और तमिलनाडु के तट से लगभग 50 किलोमीटर दूर देखा गया है। IMD की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि सुबह जहां इसकी हवा की रफ्तार 90 kmph थी, वहीं शाम होते-होते यह घटकर 55–65 kmph तक आने का अनुमान है। यानी तूफान कमज़ोर हो रहा है, लेकिन इसके बाद भी भारी बारिश का खतरा बना रहेगा। IMD के अनुसार, साइक्लोन का रास्ता तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों के पैरेलल बने रहने की संभावना है। इसका मतलब है कि यह तट से टकराए बिना आगे उत्तर की ओर बढ़ सकता है, लेकिन भारी बारिश छोड़ते हुए।
कौन-कौन से जिलों में सबसे ज्यादा बारिश का डर?
IMD ने जिन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट दिया है, उनमें शामिल हैं: कुड्डालोर, नागपट्टिनम, मायलदुथुराई, विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू। इसके अलावा चेन्नई, तिरुवरुर, तंजावुर, त्रिची, तिरुवन्नामलाई, सेलम, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर और रानीपेट जैसे जिले भी अगले 24 घंटों तक भारी बारिश का सामना कर सकते हैं। पुडुचेरी और कराईकल में भी बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है। आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तटीय इलाकों और रायलसीमा में भी बारिश का असर बढ़ सकता है।
क्या दितवाह बिना लैंडफॉल के भी बड़ा नुकसान कर सकता है?
हालांकि साइक्लोन जमीन से नहीं टकराएगा, लेकिन इसका असर कई तरह से दिख सकता है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि तेज हवा और लगातार बारिश के कारण:
- फूस के घरों को नुकसान हो सकता है
- बिजली और संचार लाइनों पर असर पड़ सकता है
- पेड़ और खंभे गिर सकते हैं
- निचले इलाकों में पानी भर सकता है
- खेतों में सैकड़ों एकड़ फसल प्रभावित हो सकती है
यानी, लैंडफॉल न होने के बावजूद यह तूफान “Silent Impact Cycle” की तरह काम करेगा—बिना टकराए भी नुकसान छोड़कर जाएगा।
क्या यह तूफान आगे और कमज़ोर होगा या नया मोड़ लेगा?
यह सबसे बड़ा सवाल है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, साइक्लोन दितवाह अगले कुछ घंटों में और कमज़ोर हो सकता है। लेकिन उसके बाद बारिश का दायरा और तेज हवाओं का प्रभाव बढ़ना भी संभव है। तटीय इलाकों के लोग, मछुआरे और यात्रियों को फिलहाल सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।


