क्या ‘मोंथा’ सिर्फ एक तूफ़ान है या विनाश का संकेत? बंगाल की खाड़ी से उठी हवाएं अब आंध्र तट पर दस्तक देने को हैं-ओंगोल और काकीनाडा के बीच लैंडफॉल तय! तेज़ हवाएं, ऊंची लहरें और रहस्यमयी सन्नाटा…क्या देश तैयार है इस ‘सीक्रेट स्टॉर्म’ के प्रहार के लिए?
Cyclone Montha Update: साइक्लोन ‘मोंथा’ बंगाल की खाड़ी में तेजी से ताकतवर हो चुका है और अब यह आंध्र प्रदेश के ओंगोल और काकीनाडा के बीच आज रात लैंडफॉल करने जा रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि यह एक गंभीर चक्रवाती तूफ़ान (Severe Cyclonic Storm) बन चुका है, जिसकी हवा की रफ्तार 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में भारी बारिश, तेज़ हवाएं और ऊंची समुद्री लहरें आने की संभावना है।
“मोंथा” का मतलब क्या है और यह कितना खतरनाक हो सकता है?
- थाई भाषा में ‘मोंथा’ का अर्थ है “खुशबूदार फूल”, लेकिन यह नाम अब दक्षिण भारत के तटीय राज्यों के लिए डर का पर्याय बन चुका है।
- मौसम विभाग के अनुसार, यह चक्रवात अब “Severe Cyclonic Storm” में बदल चुका है।
- IMD ने चेतावनी दी है कि लैंडफॉल के दौरान समुद्र का पानी ज्वार से 1 मीटर तक ऊपर उठ सकता है, जिससे तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
आंध्र और ओडिशा में हाई अलर्ट, लोगों की निकासी जारी
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि निचले इलाकों में रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षित राहत शिविरों में पहुंचाया जाए।
- सरकार की तरफ से प्रति परिवार ₹3000 नकद, 25 किलो चावल और ज़रूरी सामान देने का ऐलान किया गया है।
- ओडिशा में भी हालात गंभीर हैं। राज्य सरकार ने “ज़ीरो कैज़ुअल्टी” का लक्ष्य तय किया है।
- गंजाम, कोरापुट, रायगढ़ और मलकानगिरी जिलों में 5000 से ज़्यादा रेस्क्यू कर्मी और NDRF टीमें तैनात हैं।
क्या तेलंगाना और हैदराबाद में बाढ़ जैसी स्थिति बनेगी?
IMD तेलंगाना ने चेतावनी जारी की है कि लैंडफॉल के बाद हैदराबाद, नलगोंडा और वारंगल में भारी बारिश होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि हल्की बारिश भी शहर के कई हिस्सों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की वजह बन सकती है। ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों से मंगलवार दोपहर से यात्रा न करने की अपील की गई है।
क्या भारत तैयार है इस ‘सीक्रेट स्टॉर्म’ के प्रहार के लिए?
आंध्र प्रदेश और ओडिशा को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू से बात की है और केंद्रीय मदद का पूरा भरोसा दिया है। राहत शिविर तैयार किए जा चुके हैं, NDRF और ODRAF की टीमें गंजम, कोरापुट और रायगड़ा जैसे जिलों में तैनात हैं। समुद्र किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है, जबकि मछुआरों को 29 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।
ओडिशा ने ‘ज़ीरो कैज़ुअल्टी’ का लक्ष्य क्यों रखा है?
ओडिशा में बड़ी तैयारी की गई है। आठ जिलों में 5,000 से ज्यादा राहतकर्मी और 128 रेस्क्यू टीमें तैनात हैं। गर्भवती महिलाओं, बुज़ुर्गों और विकलांगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। रेवेन्यू मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा है- “हमारा लक्ष्य ज़ीरो कैज़ुअल्टी है, किसी की जान न जाए यही प्राथमिकता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने दी केंद्र की पूरी मदद का भरोसा
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात कर केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
- केंद्र सरकार और IMD, INCOIS, NDRF की टीमें लगातार लाइव मॉनिटरिंग और राहत तैयारियों में जुटी हैं।
तेलंगाना और महाराष्ट्र में भी भारी बारिश का अलर्ट
- IMD के मुताबिक, चक्रवात के लैंडफॉल के बाद इसका असर तेलंगाना, महाराष्ट्र और विदर्भ के हिस्सों तक पहुंचेगा।
- हैदराबाद, नागपुर, चंद्रपुर और वर्धा में अगले 48 घंटे तक लगातार भारी बारिश और बिजली गिरने की संभावना है।
फ्लाइट और ट्रेन सेवाओं पर असर
- साइक्लोन मोंथा के कारण 25 से ज़्यादा ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और कई फ्लाइट्स के रूट बदल दिए गए हैं।
- इंडिगो एयरलाइंस ने यात्रियों से फ्लाइट स्टेटस चेक करने की अपील की है।
मछुआरों और तटीय इलाकों के लिए चेतावनी
- IMD और ओशन सर्विस एजेंसियों ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी है।
- तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराइकल तट के पास 29 अक्टूबर तक समुद्र पूरी तरह खतरनाक रहेगा।
