सार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख के लेह में श्योक सेतु सहित 75 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें 45 पुल, 27 सड़कें, दो हेलीपैड और एक कार्बन न्यूट्रल हेबिटैट शामिल है।
लद्दाख। केंद्र सरकार सीमावर्ती इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम कर रही है। इसका असर भी दिख रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लद्दाख के लेह में श्योक सेतु सहित 75 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा कि भविष्य में श्योक नदी को 'मौत की नदी' के रूप में नहीं, बल्कि "जीवन की नदी" के रूप में जाना जाएगा।
श्योक नदी सिंधु नदी की सहायक नदी है। उत्तरी लद्दाख से होकर बहने वाली यह नदी गिलगित बाल्टिस्तान (पीओके में) तक जाती है। इस नदी के पानी की रफ्तार इतनी तेज है कि गर्मी और मानसून में इसे पार करना बेहद कठिन होता है। नदी में गिरने वाले की जान बचनी मुश्किल होती है। इसके चलते इसे मौत की नदी के नाम से भी बुलाया जाता है।
तेजी से हो रहा बुनियादी ढांचे का विकास
राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास तेज गति से हो रहा है। आजादी के बाद लंबे समय तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इसपर काम कर रही है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग आम लोग नहीं हैं। वे हमारी सामरिक संपत्ति हैं।
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राजनाथ सिंह ने किया 75 परियोजनाओं का उद्घाटन
राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को जिन 75 परियोजनाओं का उद्घाटन किया उन्हें बीआरओ ने पूरा किया है। इनमें 45 पुल, 27 सड़कें, दो हेलीपैड और एक कार्बन न्यूट्रल हेबिटैट शामिल है। यह हेबिटैट छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में फैला हुआ है। जिन 75 प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया गया है उनमें से 20 प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर, लद्धाख में 18, अरुणाचल प्रदेश में 18, उत्तराखंड में 5 और 14 सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, पंजाब व राजस्थान जैसे अन्य सीमावर्ती राज्यों में हैं। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इन परियोजनाओं का निर्माण बीआरओ द्वारा रिकॉर्ड समय में 2,180 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।
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