सार

दिल्ली में शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 319 था। वायु प्रदूषण के चलते स्वास्थ्य को खतरे के बीच वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से मिली मंजूरी के बाद आज से दिल्ली में स्कूल खोले जा रहे हैं।

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) का स्तर एक बार फिर बहुत खराब की श्रेणी में पहुंच गया है। दिल्ली में शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 319 था। इसे बहुत खराब (very poor) श्रेणी में माना जाता है। वायु प्रदूषण के चलते स्वास्थ्य को खतरे के बीच वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से मिली मंजूरी के बाद आज से दिल्ली में स्कूल खोले जा रहे हैं। पांचवीं से बारहवीं तक के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी स्कूल, एनडीएमसी, एमसीडी और दिल्ली छावनी के स्कूल खोले जा रहे हैं। 

दरअसल, वायु प्रदूषण के चलते तीन दिसंबर को अगले आदेश तक के लिए स्कूलों को बंद कर दिया गया था। इससे पहले 29 नवंबर से स्कूलों को खोलने की इजाजत दी गई थी। शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए गए आदेश में स्कूल खोलने की इजाजत दी गई है। आदेश में कहा गया है कि एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की मंजूरी के बाद 5वीं से 12वीं तक के स्कूल 18 दिसंबर से खोले जा रहे हैं। बता दें कि दिल्ली में दिवाली के बाद से ही प्रदूषण बढ़ा हुआ है। प्रदूषण के चलते बच्चों के स्वास्थ्य पर खतरे को देखते हुए सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे। दिवाली के बाद वायु प्रदूषण के स्तर में कमी जरूर आई है, लेकिन यह अब भी खराब से लेकर बहुत खराब कैटेगरी में है।

क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स
वायु प्रदूषण का मतलब हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य गैसों व धूलकणों के विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक होना है। वायु प्रदूषण के सूचकांक को संख्या में बदलकर एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाया जाता है। इससे पता चलता है कि हवा कितनी शुद्ध या खराब है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के छह कैटेगरी हैं।

  • अच्छा (0–50)- इसका मतलब है कि हवा साफ है। इससे सेहत पर खराब असर नहीं पड़ेगा। 
  • संतोषजनक (51–100)- संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली दिक्कत हो सकती है।
  • मध्यम प्रदूषित (101–200)- अस्थमा जैसे फेफड़े की बीमारी वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो सकती है। 
  • खराब (201–300)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों को परेशानी हो सकती है।
  • बहुत खराब (301–400)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों में सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में प्रभाव अधिक स्पष्ट हो सकता है।
  • गंभीर रूप से खराब  (401-500) - स्वस्थ लोगों में भी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। हल्की शारीरिक गतिविधि के दौरान भी कठिनाइयों का अनुभव हो सकता है।

 

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