Delhi AQI Today: दिल्ली में AQI 360 से घटकर 341 हुआ, लेकिन घनी धुंध अब भी छाई है। कुछ क्षेत्रों में ‘मध्यम’ वायु गुणवत्ता दर्ज हुई, जबकि कई इलाकों में ‘गंभीर’ स्तर जारी है। तापमान 9°C तक गिरा-IMD ने शीत लहर की संभावना जताई है।

Delhi Pollution Update: दिल्ली में मंगलवार की सुबह हल्की सी उम्मीद लेकर आई। सोमवार को जहां AQI 360 था, वहीं आज यह गिरकर 341 पर आ गया। यानी हवा में मामूली सुधार तो हुआ है, लेकिन राजधानी पर छाई धुंध की मोटी परत अभी भी जस की तस है। एक महीने से ज़्यादा समय से दिल्लीवासी ज़हरीली हवा में सांस ले रहे हैं। क्लाउड-सीडिंग भी बारिश कराने में नाकाम रही, जिससे प्रदूषण कम होने की उम्मीद टूट गई। दिल्ली के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ बनी हुई है, वहीं कुछ जगहों ने ‘मध्यम’ स्तर भी पकड़ लिया है। क्या यह सुधार केवल आज का है या सच में दिल्ली को राहत मिलने वाली है?

क्या दिल्ली की हवा सच में सुधर रही है या यह सिर्फ आंकड़ों का खेल है?

मंगलवार को दिल्ली के सिर्फ तीन ही निगरानी केंद्रों ने 400+ ‘गंभीर’ AQI दर्ज किया-

  • बवाना: 419
  • जहांगीरपुरी: 414
  • वज़ीरपुर: 410

ये आंकड़े जरूर बताते हैं कि हवा थोड़ी बेहतर हुई है, क्योंकि सोमवार को ऐसे छह केंद्र थे। लेकिन ज़मीन पर स्थितियां अब भी खराब ही दिखाई देती हैं। सुबह की शुरुआत फिर घने कोहरे या कहें धुंध-के बीच हुई। हवा में मौजूद धूल, धुआं और नमी मिलकर ऐसा स्मॉग बना देते हैं जो देखने में कोहरा लगता है, लेकिन असल में जहरीला होता है।

कुछ इलाके ‘मध्यम’ श्रेणी में कैसे पहुंच गए?

दिल्ली में दो जगहों पर हवा थोड़ी ‘सांस लेने लायक’ मिली-

  • लोधी रोड: 199
  • मंदिर मार्ग: 197

ये जगहें पेड़ों से घिरी हैं, ट्रैफिक अपेक्षाकृत कम है और हवा का बहाव थोड़ा बेहतर रहता है। यही वजह है कि यहां प्रदूषण का असर बाकी जगहों की तुलना में कम रहा।

क्या ठंड बढ़ना दिल्ली के लिए फायदे का सौदा है? या उल्टा नुकसान?

दिल्ली में रविवार को तापमान गिरकर 9°C पहुंच गया, जो 3 साल में नवंबर का सबसे कम तापमान है। IMD ने कहा है कि अगर तापमान इसी तरह नीचे जाता रहा, तो शीत लहर की घोषणा की जा सकती है।लेकिन सवाल यह भी है कि क्या ठंड से हवा साफ होती है?

उत्तर: नहीं। ठंड बढ़ने से हवा भारी हो जाती है, जिससे प्रदूषक जमीन पर ही अटक जाते हैं। हवा का बहाव कम होता है और नतीजा—धुंध और स्मॉग और ज्यादा गाढ़ा हो जाता है। यानी AQI थोड़ा नीचे आए, लेकिन हालात अब भी खतरनाक बने रह सकते हैं।

क्लाउड-सीडिंग के फेल होने के बाद क्या उम्मीद अब मौसम से ही है?

दिल्ली में की गई क्लाउड-सीडिंग ने कृत्रिम बारिश नहीं करवाई। अब बारिश की उम्मीद केवल प्राकृतिक मौसम पर है। अगर हवा चली या हल्की बारिश हुई तो दिल्ली की हवा में सुधार तेजी से हो सकता है। नहीं तो प्रदूषण आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है।

सुधार दिख रहा है, लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं

दिल्ली में AQI जरूर गिरा है, कुछ इलाकों में हालात ‘मध्यम’ भी हुए हैं लेकिन राजधानी की हवा अभी भी सांस लेने लायक नहीं हुई है। धुंध बनी हुई है, प्रदूषण का स्तर खतरनाक है और ठंड ने इसे और बढ़ा दिया है। दिल्ली को राहत तभी मिलेगी जब हवा चलेगी, बारिश होगी या तापमान थोड़ा बढ़ेगा। तब तक सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।