सार

बजट पर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बजट पर केंद्र की आपत्ति असंवैधानिक है।

Delhi Budget 2023: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि बजट पर केंद्र सरकार की आपत्ति असंवैधानिक है। केंद्र द्वारा की गई आपत्तियां पूरी तरह से निराधार है। बिना नाम लिए अरविंद केजरीवाल ने कटाक्ष किया कि उन्होंने (केंद्र सरकार) ऊपर से नीचे तक निरक्षर लोगों का एक समूह रखा है। इस पर बीजेपी विधायको ने हंगामा शुरू कर दिया। तो केजरीवाल बोले-मैंने आपके लीडर का तो नाम नहीं लिया है। इस पर पूरा सदन ठहाकों ो गूंज उठा।

किसी भी सरकार ने ऐसा नहीं किया...

बजट पर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बजट पर केंद्र की आपत्ति असंवैधानिक है। दिल्ली विधानसभा में आज बजट पेश किया जाना था लेकिन केंद्र सरकार ने रोक दिया। आज तक किसी भी केंद्र सरकार ने परंपरा का उल्लंघन नहीं किया है और न ही किसी राज्य के बजट को रोका है। उन्होंने कहा कि हमने बजट में 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित किया है जबकि 500 करोड़ रुपये विज्ञापन के लिए। हमने कहीं नहीं सुना है कि 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक 500 करोड़ रुपये होते हैं। लेकिन उन्होंने ऊपर से नीचे तक निरक्षर लोगों का एक समूह रखा है, जिनको सामान्य चीज नहीं समझ आती। केजरीवाल ने जैसे ही केंद्र सरकार के लोगों को निरक्षरों का समूह कहा, बीजेपी के विधायकों ने आपत्ति जताई और हंगामा किया। इस पर खिल्ली उड़ाते हुए केजरीवाल ने कहा कि मैंने आपके नेता का नाम नहीं लिया है। फिर तो सारा सदन ही ठहाकों से गूंज उठा।

गृह मंत्रालय ने बुनियादी ढांचे के लिए कम बजट और विज्ञापन पर अधिक आंवटन का लगाया था आरोप

दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट प्रस्ताव को रोकते हुए यह आपत्ति की थी कि बजट में विज्ञापन पर अधिक धन आवंटित किया गया है जबकि बुनियादी ढांचे पर कम आवंटन हुआ है। इस पर स्पष्टीकरण मांगा था। इसी का जवाब केजरीवाल ने विधानसभा में दिया।

कैलाश गहलोत ने भी गृह मंत्रालय के आरोपों का दिया जवाब

वित्त मंत्री कैलाश गहलोत, जो दिल्ली विधानसभा में बजट पेश करने वाले थे, ने कहा था कि 78,800 करोड़ रुपये के बजट में से 22,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे के लिए और 550 करोड़ रुपये विज्ञापनों के लिए निर्धारित किए गए थे। केंद्र सरकार बेबुनियाद आरोप लगाकर बजट को रोकने का कुचक्र रच रही।

गृह मंत्रालय पर बजट पेश करने से रोकने का आरोप

मंगलवार को 21 मार्च को दिल्ली सरकार बजट पेश करने वाली थी। अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 20 तारीख को दोपहर 2 बजे वित्त मंत्री को सूचना मिली कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कुछ आपत्ति आई है। इसके बाद मंत्री ने बार-बार फोन किया, फिर शाम 6 बजे मंत्री के सामने फाइल रखी। हमारे पास लड़ने या कोर्ट जाने का आप्शन था लेकिन हमनें एक-एक आपत्तियों का जवाब दिया। हालांकि, बजट को मंगलवार को केंद्र की मंजूरी मिल गई है। केजरीवाल ने दावा किया है कि जिस बजट को केंद्र ने रोककर आपत्ति की थी, उसे ही मंजूरी भी दे दी है। केवल परेशान करने के लिए ऐसा किया गया। केजरीवाल ने कहा कि जब हमने एक-एक टिप्पणियों पर जवाब दिया तो उसी बजट को मंजूरी दे दी गई। उन्होंने कहा कि ऐसे अनपढ़ों जो बजट को नहीं समझते हैं, उनको बजट की फाइल देने की बजाय ऐसे व्यक्ति को देना चाहिए था जो इसे समझता हो।

केजरीवाल ने पीएम मोदी को भी लिखा था पत्र

केंद्र पर जानबूझकर बजट रोकने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में जो लिखा, उसे विधानसभा में भी केजरीवाल ने दोहराया। दिल्ली के सीएम ने कहा,...मैं इस सदन के माध्यम से प्रधान मंत्री से अपील करता हूं - हम काम करना चाहते हैं, हम लड़ना नहीं चाहते हैं। प्रधानमंत्रीजी, कृपया हमें दिल्ली चलाने दें। आप महान काम कर रहे हैं, आप उस पर ध्यान दें, हमें अपने पर काम पर ध्यान देने दें।

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