सार
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चौथे दिन शांति लौटी है। लेकिन मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। हिंसा की चपेट में लोगों में से अब तक 27 की मौत हो गई है। उत्तर पूर्वी दिल्ली के क्षेत्रों में हुई हिंसात्मक घटनाओं को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी। वहीं, पुलिस का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है।
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश की राजधानी दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में भड़की हिंसा की आग चौथे दिन शांत हुई है। पुलिस का दावा है कि बुधवार को एक भी हिंसात्मक घटनाएं घटित नहीं हुई है। इन सब के इतर मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अब तक 34 लोगों की जान जा चुकी है।
मृतकों के परिवार को केजरीवाल सरकार देगी 10 लाख
दिल्ली हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि हिंसा में हिंदू और मुसलमान सबको नुकसान हुआ है। इस दौरान उन्होंने मुआवजे का भी ऐलान किया।उन्होंने कहा कि अस्पताल में घायलों का इलाज मुफ्त में किया जा रहा घायलों पर फरिश्ते योजना लागू होगी। इस दौरान उन्होंने मृतकों के परिवार को 10-10 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया। आप पार्षद ताहिर खान पर लगे आरोपों के सवाल पर केजरीवाल ने साफ किया कि कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। किसी भी हाल में हिंसा नहीं बर्दाश्त की जाएगी।
'भड़काऊ भाषण देने वालों की तादाद लंबी'
दिल्ली पुलिस ने HC को बताया कि उन्होंने किसी भी भड़काऊ भाषणकर्ता के खिलाफ अभी FIR दर्ज नहीं की है। उनके अनुसार उनका ये फैसला दिल्ली में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए जरूरी था। दिल्ली पुलिस ने बताया कि उन्होंने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा मामले में अब तक 48 FIR दर्ज की हैं। मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने विवेक से सिर्फ 3 भड़काऊ भाषणों का चयन किया है। ऐसे और भी भड़काऊ भाषण मौजूद हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार को 4 हफ्ते का समय देते हुए जवाब देने का निर्देश देने की निर्देश दिया है।
केंद्र और दिल्ली सरकार ने की अनदेखी
दिल्ली हिंसा मामले में कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंच गया। इस प्रतिनिध मंडल में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, आनंद शर्मा, रणदीप सुरेजवाला समेत कई नेता शामिल रहे। राष्ट्रपति कोविंद को कांग्रेस की ओर से मेमोरेंडम दिया गया है। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सोनिया ने कहा, गृह मंत्री और पुलिस हिंसा रोकने में नाकाम रही। दिल्ली और केंद्र सरकार ने हिंसा की अनदेखी की। हिंसा की वजह से अब तक 34 लोगों की मौत हुई, 200 से अधिक लोग घायल हैं। इस मेमोरेंडम में हिंसा के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ ही पीड़ितों को मदद मुहैया कराने की मांग की गई है।
इससे पहले प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि आधी रात में जस्टिस मुरलीधर के तबादले से हैरानी हुई। सरकार न्याय का मुंह बंद करना चाहती है।
NSA का दावा-सब शांत, पुलिस को देना है जवाब
हिंसा की आग में धधक रही दिल्ली को शांत करने के लिए गृहमंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को जिम्मेदारी दी। जिसके बाद डोभाल ने बुधवार को हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर लोगों को आश्वस्त किया। NSA अजीत डोभाल ने भी दावा किया है कि सब शांत है। वहीं, दिल्ली पुलिस के लिए गुरुवार का दिन अहम है। दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक को नेताओं के भड़काऊ वीडियो देखने हैं, जिसके बाद पुलिस को गुरुवार दोपहर 2.15 बजे हाई कोर्ट में जवाब देना है।
दरअसल, दिल्ली हिंसा के मामले में भड़काऊ बयानों को लेकर एफआईआर दर्ज करने से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को गुरुवार तक जवाब देने का निर्देश दिया है। कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर सभी वीडियो को देखने के बाद गुरुवार को जवाब देंगे।
106 लोग गिरफ्तार दर्ज हुए 18 केसः दिल्ली पुलिस
हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि इस मामले में उपद्रव करने और हिंसा फैलाने के आरोप में अब तक 106 लोगों को गिरफ्तार किया है और 18 एफआईआर दर्ज की गई है।
एमएस रंधावा ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई जारी है। प्रभावित इलाकों में भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है। ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है।
अजीत डोभाल ने संभाल रखा है मोर्चा
उत्तर पूर्वी दिल्ली में बढ़ रही हिंसा को काबू में करने के लिए गृहमंत्रालय के निर्देश पर एनएसए अजीत डोभाल ने मंगलवार रात को ही मोर्चा संभाल लिया। इसके साथ ही रात में ही वह हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे। उन्होंने मौजपुर, जाफराबाद और घोंडा का दौरा किया। NSA ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील के साथ ही उन्हें भरोसा भी दिलाया कि उनकी सुरक्षा में दिल्ली पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है और जो भी इस हिंसा के दोषी है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मरने वालों की संख्या पहुंची 34 तक
हिंसा के दौरान मंगलवार तक 13 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन 14 और लोगों की मौत के बाद मरने वालों का आंकड़ा 27 हो गया था। लेकिन स्वास्थय विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अब यह संख्या बढ़कर 34 हो गई है। वहीं, 250 से अधिक लोग घायल हैं, इनमें 30 की हालत नाजुक है। सुरक्षा के मद्देनजर ब्रह्मपुरी रोड से घोंडा चौक, नूर-ए-इलाही चौक, यमुना विहार के चप्पे-चप्पे पर आईटीबीपी और सीआरपीएफ तैनात रही। करावल नगर रोड, बृजपुरी रोड, शिव विहार, मुस्तफाबाद, मौजपुर, जाफराबाद, सीलमपुर, ज्योति नगर, मौजपुर, गोकलपुरी, चांदबाग, वेलकम आदि इलाकों में भी पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।