सार

दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई के मामले में कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने इनकम टैक्स विभाग द्वारा किए गए टैक्स पुनर्मूल्यांकन को चुनौती दी थी।

 

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट से शुक्रवार को कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस ने याचिका लगाई थी। कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने अपनी याचिका में आयकर विभाग द्वारा उसके खिलाफ पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही को चुनौती दी थी।

जस्टिस यशवन्त वर्मा और जस्टिस पुरूषेन्द्र कुमार कौरव की पीठ ने कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई की। कांग्रेस ने लगातार तीन वर्षों (2014-15, 2015-16 और 2016-17) के लिए इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों द्वारा उसके खिलाफ शुरू की गई कर पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही के खिलाफ याचिका लगाई थी। कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि आयकर विभाग ने कांग्रेस के खिलाफ "पर्याप्त और ठोस सबूत एकत्र" किए हैं ताकि उसकी आय की आगे की जांच की जा सके। मेघा इंजीनियरिंग ग्रुप से बरामद किए गए डॉक्यूमेंट्स से संकेत मिल रहा है कि कांग्रेस को बेहिसाब पैसे मिले हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव और 2018 व 2013 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के समय पैसे के बेहिसाब लेनदेन के संकेत हैं।

 

 

कांग्रेस नेताओं ने कहा था पार्टी कमजोर करने की है साजिश

कांग्रेस ने इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई को उसे कमजोर करने की साजिश बताया है। गुरुवार को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। इस दौरान कहा गया था कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए हैं। पार्टी के पास अपने नेताओं के लिए रेलवे टिकट खरीदने तक को पैसे नहीं है। पार्टी चुनाव प्रचार नहीं कर पा रही है।

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अभिषेक सिंघवी ने कोर्ट में रखा कांग्रेस का पक्ष

हाईकोर्ट में कांग्रेस की ओर से सीनियर वकील अभिषेक सिंघवी पेश हुए। उन्होंने बताया कि कर पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही की सीमा है। आईटी विभाग अधिकतम छह मूल्यांकन वर्षों तक जा सकता है। दूसरी ओर आयकर विभाग ने दावा किया कि उनकी ओर से किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया गया है। बरामद सामग्री के अनुसार पार्टी द्वारा "बच गई" आय 520 करोड़ रुपए से अधिक है।

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