सार
दिल्ली नगर निगम के मेयर इलेक्शन(Delhi MCD Mayor Election 2023) को लेकर लंबे समय से चली आ रही भाजपा V/s आप लड़ाई का आज(22 फरवरी) अंत हो गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली को आज नया महापौर मिल गया।
नई दिल्ली. दिल्ली नगर निगम के मेयर इलेक्शन(Delhi MCD Mayor Election 2023) को लेकर लंबे समय से चली आ रही भाजपा V/s आप लड़ाई का आज(22 फरवरी) अंत हो गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली को आज नया महापौर मिल गया। दिल्ली में पहली बार AAP का मेयर बना है। AAP की शैली ओबेराय ने भाजपा की रेखा गुप्ता को हराया।
दिल्ली में बुधवार को 3.6 तीव्रता के झटके के बीच भाजपा की नगर निगम में 15 साल पुरानी सरकार हिल गई। AAP की शैली ओबेराय को 150 वोट मिले, उन्होंने भाजपा की रेखा गुप्ता को 34 वोटों से हराया। बता दें कि दिल्ली एनसीआर में बुधवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई इलाकों में महसूस हुए।
बहरहाल, नगर निगम सदन सुबह 11 बजे शुरू हुआ। इसमें मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के पदों के लिए चुनाव हुए। बता दें कि इससे पहले तीन बार चुनाव टल चुके थे। इलेक्शन में 241 पार्षद, 10 सांसद और 14 विधायकों ने वोट डाला।
मैं आप सभी को विश्वास दिलाती हूं कि मैं इस हाउस को संवैधानिक तरीके से चलाऊंगी। मुझे उम्मीद है कि आप सभी घर की गरिमा बनाए रखेंगे और इसके सुचारू कामकाज में सहयोग करेंगे-दिल्ली मेयर शैली ओबेराय
गुंडाइज्म(Goondaism) हार गया है, जनता ने जीत लिया है। BJP धोखा देकर अपना मेयर बनाना चाहता था। मैं दिल्ली के मेयर के रूप में उनके चुनाव में शैली ओबेरॉय को बधाई देता हूं-AAP एमएलए सौरभ भारद्वाज
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वोटिंग 11.20 बजे शुरू हुई थो, करीब 2 घंटे चली। वोटिंग खत्म होने के तुरंत बाद काउंटिंग शुरू कर दी गई। कुल 241 पार्षदों ने वोटिंग की। कांग्रेस पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार किया था।
मेयर चुनाव से पहले आप पार्षदों ने भाजपा विधायक की सदन में एंट्री पर खासा हंगामा किया।
सबसे पहले सांसद और विधायक वोटिंग करने पहुंचे। इसके बाद पार्षदों को नंबर आया।
हंगामे के बीच प्रोटेम स्पीकर सत्या शर्मा शांतिपूर्वक मतदान की अपील करते दिखे।
कांग्रेस ने MCD इलेक्शन में हिस्सा नहीं लेने का पहले ही ऐलान किया था। हंगामे की स्थिति को देखते हुए MCD के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया।
जानिए MCD इलेक्शन की पूरी पॉलिटिक्स, पढ़िए 15 बड़ी बातें
1. पिछले हफ्ते, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महापौर चुनाव कराने के लिए नगरपालिका सदन बुलाने के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी।
2.सु्प्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के सिविक बॉडी इलेक्शन की तारीख तय करने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की पहली बैठक बुलाने के लिए 24 घंटे के भीतर नोटिस जारी करने का आदेश दिया था।
3.अदालत ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) की मेयर पद की उम्मीदवार(अब विजेता) शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया था, जिन्होंने जल्द चुनाव कराने की मांग की थी।
4.सत्तारूढ़ AAP के फेवर में अपेक्स कोर्ट ने यह भी कहा था कि उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में नामित सदस्य महापौर का चुनाव करने के लिए मतदान नहीं कर सकते हैं।
5.दिल्ली नगर निगम (DMC) अधिनियम, 1957 के अनुसार, निकाय चुनावों के बाद सदन के पहले ही सत्र में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव किया जाना है। हालांकि, 4 दिसंबर को नगर निगम के चुनाव हुए दो महीने से अधिक हो चुके हैं।
6.नगरपालिका चुनावों के एक महीने बाद सदन पहली बार 6 जनवरी को बुलाया गया था। इसे भाजपा और AAP के सदस्यों के बीच तीखी नोंक-झोंक के चलते स्थगित कर दिया गया था।
7.24 जनवरी को दूसरी, जबकि 6 फरवरी को हुई तीसरी बैठकें भी बिना किसी चुनाव के स्थगित करनी पड़ी थीं।
8. इस राजनीतिक संकट ने एनुअल बजट की कार्यवाही को भी प्रभावित किया है। 2023-24 के लिए टैक्स की शेड्यूलिंग को एमसीडी के स्पेशल आफिसर द्वारा 15 फरवरी को पारित किया गया था, क्योंकि बजट पर चर्चा करने के लिए विंग(deliberative wing) अस्तित्व में नहीं आ पाया है। नार्म्स के अनुसार, टैक्सेस की शेड्यूलिंग को 15 फरवरी से पहले या सदन द्वारा पारित किया जाना चाहिए।
9.हालांकि, शेष बजट को 31 मार्च से पहले सदन द्वारा पारित किए जाने की उम्मीद है, क्योंकि मेयर के नेतृत्व में नई विचार-विमर्श शाखा 22 फरवरी को आने की संभावना बन चुकी थी।
10. बता दें कि याचिकाकर्ता शैली ओबेरॉय ने 7 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने 17 फरवरी को एक सुनवाई के दौरान निर्देश दिया था कि दिल्ली के मेयर का चुनाव एमसीडी की पहली बैठक में कराया जाएगा और चुने जाने के बाद मेयर डिप्टी मेयर के चुनाव की अध्यक्षता करेंगे।
11.4 दिसंबर को हुए चुनावों में AAP स्पष्ट विजेता के रूप में उभरी थी। उसने 134 वार्डों पर जीत हासिल की थी और निकाय निकाय में भाजपा के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया था।
12. भाजपा ने 104 वार्ड जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि कांग्रेस ने 250 सदस्यीय नगरपालिका सदन में नौ सीटें जीतीं।
13.मेयर के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में 250 निर्वाचित पार्षद, सात लोकसभा और दिल्ली के तीन राज्यसभा सांसद और 14 विधायक शामिल हैं।
14.दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में AAP के 13 और भाजपा के एक सदस्य को मनोनीत किया है।
15.महापौर चुनावों में कुल वोटों की संख्या 274 है। संख्याओं का खेल AAP के फेवर में था, जिसके पास भाजपा के 113 के मुकाबले 150 वोट थे।
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