Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बाद खुले में कचरा जलाने पर ₹5,000 फाइन और तंदूर में कोयले पर बैन लगा दिया गया है। लेकिन क्या ये सख्त कदम राजधानी की जहरीली हवा को सुधार पाएंगे या यह सिर्फ किसी और बड़े ऐक्शन की शुरुआत है?
नई दिल्ली। दिल्ली में हवा लगातार खराब होती जा रही है। हर दिन AQI ‘बहुत खराब’ से ‘खराब’ की कैटेगरी में झूल रहा है, लेकिन राहत कहीं नजर नहीं आ रही। ऐसे में दिल्ली सरकार ने अब सबसे सख्त कदम उठाए हैं। खुले में कचरा जलाने वालों पर ₹5,000 का फाइन लगाया जाएगा और शहर के सभी होटलों और रेस्टोरेंट्स में तंदूर में कोयले और जलाने वाली लकड़ी का इस्तेमाल तुरंत बैन कर दिया गया है। क्या इन कदमों से दिल्ली की हवा सच में साफ होगी या फिर यह सिर्फ शुरुआत है किसी और बड़े ऐक्शन की?
क्या दिल्ली का AQI खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है?
दिल्ली में पिछले कुछ हफ्तों से एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। मंगलवार को थोड़ी गिरावट हुई और AQI 291 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ कैटेगरी में आता है। दिल्ली के प्रमुख इलाकों बवाना, अलीपुर, जहांगीरपुरी, बुराड़ी क्रॉसिंग, पंजाबी बाग और आनंद विहार में भी AQI 260 से 310 के बीच रहा। यह स्तर लंबे समय तक रहने पर लोगों की सेहत पर सीधा असर डालता है।
क्या खुले में कचरा जलाना सबसे बड़ा पॉल्यूशन फैक्टर है?
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ कहा कि दिल्ली में खुले में कचरा जलाना अब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। MCD और जिला प्रशासन को निर्देश दे दिए गए हैं कि कचरा जलाते पकड़े जाने पर सीधे ₹5,000 का जुर्माना लगाया जाए। सरकार के अनुसार, ठंड के मौसम में लोग अक्सर कचरा, पत्तियाँ या लकड़ी जलाते हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर एयर पॉल्यूशन तेजी से फैलता है।
दिल्ली में तंदूर में कोयले का इस्तेमाल क्यों बैन हुआ?
दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) ने बताया कि होटल और रेस्टोरेंट में कोयले से खाना बनाना पॉल्यूशन में बड़ा योगदान देता है। एयर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट, 1981 की धारा 31(A) के तहत आदेश जारी किया गया है कि सभी तंदूर जिनमें कोयला या जलाने वाली लकड़ी का उपयोग होता है, उन्हें तुरंत बंद किया जाए। यह कदम GRAP (Graded Response Action Plan) के स्टेज-I एक्शन का हिस्सा है।
क्या कोयला बैन से दिल्ली की हवा साफ हो जाएगी?
कोयले का धुआं भारी पार्टिकुलेट मैटर (PM 2.5) पैदा करता है। इसका असर तुरंत पड़ता है और स्थानीय AQI तेजी से गिरता है। सरकार का दावा है कि यह कदम हवा में जहरीली परत कम करेगा, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि समाधान तभी मिलेगा जब वाहनों का धुआं, कंस्ट्रक्शन डस्ट और इंडस्ट्रियल एमिशन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए।
आगे क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
दिल्ली में आगे GRAP के स्टेज-II और III भी लागू हो सकते हैं, जिनमें निर्माण कार्य रोकना, डीजल जेनरेटर बंद करना और अधिक सख्त ट्रैफिक नियंत्रण शामिल है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि अगर AQI में सुधार नहीं हुआ तो बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।


