सार
25 फरवरी 2020 को उत्तरपूर्वी दिल्ली के चांद बाग में हुए दंगे के मामले में कोर्ट ने पूर्व आप नेता और पार्षद ताहिर हुसैन व पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास और दंगा करने का आरोप तय करने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली। दिल्ली के एक कोर्ट ने दिल्ली दंगे मामले में पूर्व आप नेता और पार्षद ताहिर हुसैन व पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास और दंगा करने का आरोप तय करने का आदेश दिया है। 2020 में उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में ये आरोपी हैं। कोर्ट ने कहा कि सभी आरोपी हिंदुओं को निशाना बनाने में शामिल थे। उनकी हरकतें जाहिर तौर पर मुसलमानों और हिंदुओं के बीच सौहार्द के खिलाफ थीं।
25 फरवरी 2020 को चांद बाग के पास भीड़ द्वारा अजय झा को गोली मार दी गई थी। उन्होंने इस संबंध में केस दर्ज कराया था। अजय झा द्वारा दर्ज कराए गए मामले की सुनवाई जज पुलस्त्य प्रमाचला ने की। उन्होंने ताहिर हुसैन, तनवीर मलिक, गुलफाम, नाजिम, कासिम और शाह आलम के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया।
13 अक्टूबर को एक आदेश में जज ने कहा, "मुझे लगता है कि सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 147 (दंगा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 153 ए (वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 302 (हत्या) के तहत केस चलाया जाना चाहिए।"
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गोली चलाने वाली भीड़ का हिस्सा थे आरोपी
जज ने सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 149 और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया। विशेष लोक अभियोजक मधुकर पांडे ने स्पष्ट किया कि हत्या के प्रयास के आरोप में मूल अपराध तय किया गया था। चूंकि साजिश हत्या की थी, इसलिए आपराधिक साजिश के अपराध के लिए हत्या और अन्य के आरोप तय किए गए थे। विभिन्न गवाहों के बयानों से पता चलता है कि सभी आरोपी उस भीड़ का हिस्सा थे जिसने हिंदुओं और हिंदुओं के घरों पर गोलियां चलाई। भीड़ पथराव करने और पेट्रोल बम चलाने में भी शामिल थी।
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