Delhi Smog Alert: क्या दिल्ली सच में गैस चैंबर बनती जा रही है? रविवार सुबह AQI 462 पहुंचते ही पूरे शहर पर घने स्मॉग की चादर छा गई। सभी 40 मॉनिटरिंग स्टेशन रेड दिखा रहे हैं, रोहिणी में AQI 499। हवा इतनी जहरीली क्यों हुई? GRAP-4 लागू, लेकिन राहत कब?

Delhi Smog Air Quality Severe: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर घने स्मॉग की चादर में लिपटी नजर आ रही है। रविवार सुबह से ही हालात इतने बिगड़ गए कि सांस लेना तक मुश्किल हो गया। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक सुबह 6 बजे दिल्ली का औसत AQI 462 दर्ज किया गया, जो सीधे ‘गंभीर’ कैटेगरी में आता है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि दिल्ली के सभी 40 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन रेड अलर्ट दिखा रहे हैं। शहर की सड़कों से लेकर एयरपोर्ट तक, हर जगह धुंध ही धुंध नजर आ रही है। विजिबिलिटी इतनी कम हो गई कि उड़ानों पर भी असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

दिल्ली में स्मॉग इतना घना क्यों हो गया?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर दिल्ली की हवा अचानक इतनी जहरीली कैसे हो गई? कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के अनुसार, इस बार लोकल प्रदूषण नहीं बल्कि मौसम की चाल बड़ी वजह बनी है। उत्तर-पश्चिम भारत की ओर से आ रहा कमजोर पश्चिमी विक्षोभ हवा की गति को रोक रहा है, जिससे प्रदूषक कण आसमान में ही फंसे हुए हैं।

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कौन-कौन से इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं?

दिल्ली के कई इलाके बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके हैं।

  • रोहिणी में AQI 499
  • जहांगीरपुरी में AQI 495
  • विवेक विहार में AQI 495

इन आंकड़ों से साफ है कि उत्तर, पूर्व और उत्तर-पश्चिम दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषण की चपेट में है।

AQI 462 का मतलब आम लोगों के लिए क्या है?

AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स एक पब्लिक हेल्थ टूल है, जो यह बताता है कि हवा से सेहत को कितना खतरा है। CPCB के अनुसार:

  • 0-50: अच्छा
  • 201-300: खराब
  • 301-400: बहुत खराब
  • 401-500: गंभीर

गंभीर AQI का मतलब है कि स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार पड़ सकता है, और अस्थमा, हार्ट या फेफड़ों के मरीजों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है।

हवा को जहरीला बनाने वाले तत्व कौन-से हैं?

CPCB के मुताबिक AQI तय करने में ये प्रदूषक अहम भूमिका निभाते हैं-PM2.5, PM10, ओजोन, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, लेड और अमोनिया। इनमें PM2.5 सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है क्योंकि यह सीधे फेफड़ों में चला जाता है।

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GRAP-4 लागू होने का मतलब क्या है?

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए CAQM ने पहले GRAP-3 और बाद में GRAP-4 लागू कर दिया है। इसका मतलब है कि निर्माण कार्य, डीजल जनरेटर, भारी वाहनों और कुछ इंडस्ट्रियल गतिविधियों पर सख्त पाबंदियां लगेंगी।

आगे हालात सुधरेंगे या और बिगड़ेंगे?

फिलहाल मौसम साफ होने तक राहत की उम्मीद कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक तेज हवा या बारिश नहीं होती, तब तक स्मॉग से पूरी तरह निजात मुश्किल है। दिल्ली स्मॉग और गंभीर AQI अब सिर्फ पर्यावरण की नहीं, बल्कि हेल्थ इमरजेंसी बनता जा रहा है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में हालात और भी डरावने हो सकते हैं।