सार

कृषि कानूनों को लेकर एक तरफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ संसद में लगातार गतिरोध जारी है। मंगलवार को हंगामे के बाद राज्यसभा बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष की मांग है कि किसानों के मुद्दों पर चर्चा की जाए।

नई दिल्ली. कृषि कानूनों को लेकर एक तरफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ संसद में लगातार गतिरोध जारी है। मंगलवार को हंगामे के बाद राज्यसभा बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष की मांग है कि किसानों के मुद्दों पर चर्चा की जाए। हालांकि, विपक्ष के हगामे के बाद गुरुवार तक राज्यसभा स्थगित कर दी गई है। इससे पहले कांग्रेस नेता गुला नबी आजाद ने अपनी बात रखी। 

राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद ने क्या-क्या कहा?

  • राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने पिछले साल गालवान घाटी में अपनी जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि कोई भी ताकत किसानों की ताकत से बड़ी नहीं है। 
  • कांग्रेस के शासन में किसानों के बीच आत्मनिर्भरता आई। हमें किसानों के साथ नहीं लड़ना चाहिए। मैं सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का अनुरोध करता हूं।
  • गणतंत्र दिवस पर जो हुआ वह अलोकतांत्रिक है। कानून और व्यवस्था के खिलाफ। हम इस कृत्य की निंदा करते हैं और अपराधी को कड़ी सजा देने का आह्वान करते हैं। लेकिन साथ ही मैं यह कहना चाहूंगा कि जो लोग घटना में शामिल नहीं थे, उन्हें न फंसाया जाए। 
  • जब मैं पांचवीं में था, तब से अटल बिहारी वाजपेयी जी की बात सुनता आ रहा हूं। मैंने उन्हें या भाजपा सरकार के किसी मंत्री (जम्मू सरकार) को जम्मू-कश्मीर में तोड़ने की बात कभी नहीं सुनी।
  • 1906 में अंग्रेज हुकूमत ने किसानों के खिलाफ तीन कानून बनाए थे और उनका मालिकाना हक ले लिया था। इसके विरोध में 1907 में सरदार भगत सिंह के भाई अजीत सिंह के नेतृत्व में पंजाब में आंदोलन हुआ। उस समय एक अखबार के संपादक बांके दयाल ने पगड़ी संभाल जट्‌टा, पगड़ी संभाल वे कविता लिखी जो बाद में क्रांतिकारी गीत बन गया।
     

जो मंत्री रहा हो, वह देशद्रोही कैसे?- आजाद
गुलाम नबी आजाद ने कहा, वरिष्ठ पत्रकारों, सांसद शशि थरूर के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। इसे वापस लेना चाहिए। उन्होंने पूछा, जो व्यक्ति विदेश राज्य मंत्री रहा हो, वह देशद्रोही कैसे हो सकता है?

आप के 3 सांसद राज्यसभा से बाहर किए गए

राज्यसभा में किसानों के मुद्दों पर चर्चा और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर हंगामा हुआ, जिसके बाद तीन सांसदों को नोटिस जारी कर बाहर कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीनों सांसद आम आदमी पार्टी के थे। सांसद संजय सिंह ने इसे लेकर ट्वीट भी किया। 

 

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। हालांकि विपक्ष के रुख में कोई नरमी नहीं आई। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया और कहा कि आंदोलन के दौरान 150 से ज्यादा किसानों की जान चली गई। ऐसा लगता है कि हम फिर से ब्रिटिश काल में जा रहे हैं।

जींद में महापंचायत में शामिल होंगे राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत बुधवार को हरियाणा के जींद में होने वाली महापंचायत में शामिल होंगे। हरियाणा के किसान और खाप मिलकर आगे का आंदोलन की रूप रेखा तय करेगी। राकेश टिकैत जींद में कंडेला खाप के ऐतिहासिक चबूतरे पर जनसभा को संबोधित करेंगे। कंडेला वही गांव है जिसने राकेश टिकैत के रोने के बाद सबसे पहले रोड जाम किया था। 

टिकैत ने कहा, अक्टूबर तक चलेगा आंदोलन
राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा, हमने सरकार को बता दिया कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी। नौजवानों को बहकाया गया, उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो। किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गई। इस बीच किसानों ने ऐलान किया है कि 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम करेंगे। 12 बजे से 3 बजे तक पूरे देश में चक्का जाम रहेगा। इससे पहले किसानों ने 30 जनवरी को उपवास रखा था। किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालकर भी विरोध प्रदर्शन किया था।