सार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा शिवर में काम करने वाले सभी मजदूरों, ड्राइवरों के साथ साथ अपने साथ चल रहे सहयोगियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत के सच्चे मूल्यों में उनका विश्वास भी आगे का रास्ता रोशन करेगा। भारत के सच्चे मूल्यों में उनका विश्वास नफरत को हरा देगा।
Rahul Gandhi Diwali Gift: भारत जोड़ो यात्रा कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने साथ यात्रा में चल रहे यात्रियों, ड्राइवरों, मजदूरों को दीवाली की स्पेशल गिफ्ट भेंट की है। राहुल गांधी ने सभी को एक-एक चांदी का सिक्का, मिठाईयां भेंट कर दीपावली की शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि देश के सच्चे मूल्यों से हम नफरत को हराएंगे। भारत का विश्वास किसी भी सूरत में नफरत को खत्म करेगा यही जन-जन का विश्वास है।
हम बात नहीं काम करने निकले हैं, नफरत को मिटाएंगे
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा शिवर में काम करने वाले सभी मजदूरों, ड्राइवरों के साथ साथ अपने साथ चल रहे सहयोगियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत के सच्चे मूल्यों में उनका विश्वास भी आगे का रास्ता रोशन करेगा। भारत के सच्चे मूल्यों में उनका विश्वास नफरत को हरा देगा। साथियों को शुभकामनाएं व गिफ्ट के साथ राहुल गांधी ने पत्र भी लिखा है। इस शुभकामना लेटर में उन्होंने कहा कि हम सुंदर देश बनाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा में हाथ में हाथ डाले चले हैं। आपका विश्वास, अपने आप में आपका विश्वास ही भारत के सच्चे मूल्यों में नफरत को हराकर आगे का रास्ता रोशन करेगा।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि बात मत करो, क्रियान्वयन करो। कुछ कहो मत, उसे कर दिखाओ। वादा मत करो, उसे साबित करके दिखाओ। मैं आपको और आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं देता हूं।
कांग्रेस ने राहुल गांधी के लेटर को ट्वीट कर कहा...वाह
राहुल गांधी के लेटर को कांग्रेस ने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर उसकी तारीफ की है। कांग्रेस ने लिखा कि वाह...सुंदर...स्नेह से भरपूर। दीवाली के पावन अवसर पर राहुल गांधी जी ने भारत यात्रियों, शिविर कार्यकर्ताओं और ड्राइवरों को एक पत्र के रूप में एक अद्भुत उपहार दिया। मिठाई और चांदी के सिक्के वे कभी नहीं भूलेंगे।
राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा 150 दिनों में 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यह 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई और जम्मू-कश्मीर में समाप्त होगी। 10 सितंबर को केरल में प्रवेश करने वाली यह यात्रा 19 दिनों की अवधि में सात जिलों को छूते हुए 450 किमी की दूरी तय करते हुए राज्य के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरी थी। तमिलनाडु और केरल के बाद यह यात्रा केरल के बाद 1 अक्टूबर को कर्नाटक में प्रवेश की थी।
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