सार

डॉ. कफील खान ने कहा कि वायनाड में आई त्रासदी से प्रभावित बच्चों के जख्मों को भरने के लिए 'प्यार भरी चिकित्सा' की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए वायनाड में जितने दिन भी रुकना पड़े, रुकने को तैयार हैं।

दिल्ली: केरल के वायनाड में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित बच्चों की मदद के लिए डॉ. कफील खान आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि वायनाड में आई त्रासदी से प्रभावित बच्चों के जख्मों को भरने के लिए 'प्यार भरी चिकित्सा' की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए वायनाड में जितने दिन भी रुकना पड़े, रुकने को तैयार हैं। उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में केरल पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को भी गलत बताया।

गौरतलब है कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले को उजागर कर डॉ. कफील खान उत्तर प्रदेश सरकार की आँखों की किरकिरी बन गए थे। उन्होंने अपने ख़र्चे पर ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाकर कई बच्चों की जान बचाई थी। इस घटना से सरकार की पोल खुल गई थी और लापरवाही के आरोप में डॉ. कफील खान को जेल जाना पड़ा था। जेल से रिहा होने के बाद से ही डॉ. कफील खान सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। वायनाड में आई त्रासदी में कई बच्चों की मौत से डॉ. कफील खान बेहद दुखी हैं। वह त्रासदी में जीवित बचे बच्चों से मिलने और उन्हें सांत्वना देने के लिए वायनाड जा रहे हैं।

डॉ. कफील खान का मानना है कि इस मुश्किल घड़ी में केरल को हर संभव मदद मिलनी चाहिए, न कि केंद्र सरकार द्वारा आरोप लगाए जाने चाहिए। वह सोमवार को वायनाड पहुंच रहे हैं और वहां मेडिकल कैंप लगाकर लोगों की मदद करेंगे। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार और सांसदों से मदद मांगी है। डॉ. कफील खान का कहना है कि अगर वह बच्चों के ज़ख्मों पर मरहम लगाकर उन्हें थोड़ी राहत दे पाए तो उन्हें बहुत सुकून मिलेगा।