सार

चुनाव आयोग ने चुनावी राज्यों में रथ यात्रा नहीं भेजने को कहा है। रथ यात्रा के लिए सीनियर अधिकारियों को रथ प्रभारी बनाया गया है।

 

ECI letter to Centre: केंद्र सरकार को भारत निर्वाचन आयोग ने लेटर लिखकर रथ यात्रा रोकने को कहा है। चुनाव आयोग ने चुनावी राज्यों में रथ यात्रा नहीं भेजने को कहा है। केंद्र सरकार ने देशभर में एक मेगा रैली के लिए नौकरशाहों को शामिल करते हुए रथयात्रा का ऐलान किया था। रथयात्रा के प्रभारी सीनियर आईएएस बनाए गए थे।

चुनाव आयोग ने लेटर लिखकर रथयात्रा रोकी

चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को लेटर लिखकर देशव्यापी केंद्रीय योजनाओं की प्रचार वाली रैली पर रोक लगा दी है। आयोग ने कहा कि पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं। चुनावी राज्यों में ऐसे रथ को न भेजा जाए।

दरअसल, केंद्र सरकार ने मंत्रालयों से विकास भारत संकल्प यात्रा के लिए जिला रथप्रभारी (विशेष अधिकारी) के रूप में कार्य करने के लिए देश के प्रत्येक जिले से वरिष्ठ अधिकारियों को नामित करने के लिए कहा था। संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव जैसे सीनियर ऑफिसर्स को रथ यात्रा प्रभारी नामित किया गया था।

लेकिन चुनाव आयोग ने साफ कहा-रथ यात्रा रोकें

चुनाव आयोग ने गुरुवार को बताया कि जिन पांच राज्यों - मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना - में चुनाव होने हैं, वहां आदर्श आचार संहिता पहले ही लागू हो चुकी है। आयोग ने निर्देश दिया है कि रथ यात्रा की गतिविधियां उन निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं की जानी चाहिए जहां 5 दिसंबर 2023 तक आदर्श आचार संहिता लागू है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने की थी शिकायत

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव आयोग को शिकायत की थी। खड़गे ने प्रधानमंत्री के इस कदम को सरकारी मशीनरी का घोर दुरुपयोग बताया। खड़गे ने लिखा कि यह केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम 1964 का स्पष्ट उल्लंघन है। यह एक्ट निर्देश देता है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेगा। हालांकि, सरकारी अधिकारियों के लिए सूचना का प्रसार करना स्वीकार्य है लेकिन उन्हें जश्न मनाने और उपलब्धियों का प्रदर्शन करने के लिए मजबूर करना स्पष्ट रूप से उन्हें सत्तारूढ़ दल के राजनीतिक कार्यकर्ताओं में बदल देता है।

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