सार

अपनी कुर्सी बचाने के लिए पिछले कई दिनों से लगातार बयानबाजी कर रहीं ममता बनर्जी को आखिरकार GOOD NEWS मिल गई है। चुनाव आयोग ने भवानीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। चुनाव 30 सितंबर को होगा।

कोलकाता, पश्चिम बंगाल. अपनी कुर्सी पर संकट मंडराता देखकर लंबे समय से केंद्र सरकार और चुनाव आयोग (Election Commission) पर नाराजगी जताती आ रहीं ममता बनर्जी को आखिरकार GOOD NEWS मिल ही गई। चुनाव आयोग ने  चुनाव आयोग ने भवानीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। चुनाव 30 सितंबर को होगा। इसी तारीख को पश्चिम बंगाल के समसेरगंज और जंगीरपुर और पिपली (ओडिशा) में भी उपचुनाव होंगे। 3 अक्टूबर को मतगणना की जाएगी।  बता दें ममता बनर्जी नंदीग्राम से भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हार गई थीं।

यह भी पढ़ें-अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी को लिखा लेटर, TMC द्वारा कांग्रेसियों का घर लूटने-तोड़फोड़ का आरोप

हर हाल में 5 नवंबर तक विधानसभा का सदस्य बनना है
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपनी कुर्सी बचाने 5 नवंबर तक विधानसभा का सदस्य बनना होगा। उपचुनाव के मुद्दे पर TMC सांसद चुनाव आयोग से मिले थे। बंगाल में मई में विधानसभा चुनाव हुए थे। इसमें ममता बनर्जी नंदीग्राम से भाजपा के उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हार गई थीं। ममता बनर्जी ने कुछ दिन पहले कहा था कि बंगाल में कोरोना संक्रमण पूरी तौर पर कंट्रोल में है। चुनाव आयोग उप चुनावों की तारीख घोषित करे। यहां के लोगों को अधिकार है कि वह वोट कर अपना जनप्रतिनिधि चुने, जिसे चुनाव आयोग छीन नहीं सकता है। चुनाव आयोग लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों में कटौती नहीं कर सकता है। 

यह भी पढ़ें-ABP Cvoter Survey:यूपी में BJP को 62 सीट का नुकसान, 70% लोग मोदी के काम से खुश, जानें 4 अन्य स्टेट का हाल

यह सीटें हैं पश्चिम बंगाल की खाली
भवानीपुर के अलावा दिनहाटा, सांतिपुर, समसेरगंज, खारदाह और जांगीपुर विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होना है। 

यह भी पढ़ें-हरीश रावत ने जूते साफ कर किया प्रायश्चित, पंजाब में कांग्रेस की मीटिंग में कही बात को लेकर मांगी थी माफी

ममता बनर्जी की परम्परागत सीट को किया जा चुका है खाली
ममता बनर्जी विधानसभा में भवानीपुर सीट से जीतकर पहुंचती रही हैं। इस बार इस सीट पर टीएमसी के नेता शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने जीत हासिल की थी। हालांकि, सरकार बनने के बाद ही शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने अपना इस्तीफा देकर यह सीट ममता बनर्जी के लिए छोड़ दी थी। ममता बनर्जी 2011 से इस सीट पर दो बार विधायक बन चुकी हैं।

साढ़े तीन दशकों में पहली बार मिली ममता बनर्जी को हार
बीते विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने अपने पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी के पाला बदलने के बाद, चुनौती देते हुए नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। वह नंदीग्राम से चुनाव लड़ी लेकिन कांटे की टक्कर में वह करीब दो हजार वोटों से चुनाव हार गईं। 32 साल के राजनीतिक कार्यकाल में ममता बनर्जी को पहली बार हार का सामना करना पड़ा था। 

यह भी पढ़ें-IT पोर्टल में गड़बड़ी: पांचजन्य ने पूछा सवाल-क्या Infosys विदेशी ग्राहकों को भी ऐसी ही घटिया सर्विस देगी?

ममता बनर्जी की मूर्ति को लेकर विवाद
ममता बनर्जी की यह मूर्ति कोलकाता (Kolkata) के बागुईहाटी क्षेत्र के नजरूल पार्क उन्‍नयन समिति के दुर्गा पंडाल में तृणमूल कांग्रेस (Congress) बनवा रही है। इसे लेकर TMC और BJP आमने-सामने हैं। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) का कहना है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections) के बाद हुई हिंसा में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के हाथ निर्दोष बंगालियों के खून से रचे हैं। यह देवी दुर्गा का अपमान है। बता दें कि मशहूर क्ले मॉडलर मिंटू पाल अपने कुमारतुली स्टूडियो में फाइबरग्लास की ये मूर्ति बना रहे हैं।