सार

कैश फॉर क्वेरी मामले में महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता बचेगी या जाएगी, इस पर फैसला आ सकता है। क्योंकि संसद की एथिक्स कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। बीजेपी नेता विजय सोनकर ने यह रिपोर्ट पेश की है।

Cash For Query Mahua Moitra. कैश फॉर क्वेरी मामले में संसद की एथिक्स कमेटी ने शुक्रवार को लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। बीजेपी नेता विजय सोनकर ने 104 पन्ने की रिपोर्ट पेश की है। इसमें महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया गया है। बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने 15 अक्टूबर 2023 को महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में प्रश्न पूछने का आरोप लगाया था। इस मामले में एथिक्स कमेटी ने सीबीआई जांच के साथ अपनी फाइइिंग्स का डिटेल में ब्यौरा दिया है।

एथिक्स कमेटी ने पेश की 104 पन्नों की रिपोर्ट

संसदीय एथिक्स कमेटी ने संसद में 104 पन्नों की डिटेल रिपोर्ट पेश की है। इसमें महुआ मोइत्रा के विदेशी दौरों का पूरा ब्यौरा दिया गया है। महुआ मोइत्रा ने सैकड़ों बार दिल्ली से दुबई की यात्रा की। इतना ही नहीं लंदन, बांग्लादेश सहित दुनिया के कई देशों की यात्रा का पूरा विवरण एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में दी है। कमेटी ने संसद की वेबसाइट पर लॉग इन के लिए सांसदों के दिए गए लॉग इन आईडी, पासवर्ड तीसरे व्यक्ति को देने का दोषी भी महुआ मोइत्रा को पाया है। जानकारी के लिए बता दें कि कमेटीके 6 सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में वोट किया है। जबकि कमेटी में शामिल चार विपक्षी सदस्यों ने इसका विरोध किया है। 

विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने किया था विरोध

बीते 2 नवंबर को कमेटी की मीटिंग के दौरान विपक्षी सदस्यों और महुआ मोइत्रा ने वॉकआउट किया था और सवालों के जवाब नहीं दिए थे। इस पर कमेटी ने कहा कि महुआ मोइत्रा सहयोग नहीं कर रही हैं और सवालों के जवाब देने से भाग रही हैं। महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहद्राय को अपनी तरफ से केस दायर करने के लिए बुलाया। इस मामले को लेकर सीबीआई में केस दायर किया गया। इसमें कहा गया है कि बीजेपी के निशिकांत दूबे की मांग पर महुआ मोइत्रा के लॉगिन आईडी की जांच कराई गई। जिसमें आरोप लगा है कि वे बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को अपना ईमेल आईडी एसेस करने की छूट देती थीं। इतना ही नहीं वे बिजनेसमैन से पैसे लेकर पीएम मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ संसद में सवाल भी खड़े करती थीं।

दर्शन हीरानंदानी ने मानी थी पैसे देने की बात

बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने एफिडेविड देकर तृणमूल कांग्रेस सांसद पर आरोप लगाया कि वे अपने संसदीय ईमेल आईडी को उन्हें देती थीं ताकि पार्लियामेंट में पूछे जाने वाले सवालों की लिस्ट भेजी जा सके। बाद में महुआ मोइत्रा ने अपनी ईमेल आईडी और पासवर्ड भी हीरानंदानी को दे दिया ताकि वे डायरेक्ट सवाल भेज सकें। इस मामले में एथिक्स कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से संपर्क किया था ताकि इनके लॉग इन पासवर्ड के मिसयूज की जानकारी मिल सके।

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