सार

कोरोना के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि कोरोना से निपटने के लिए देश भर में वैक्सीनेशन अभियान को तेज किया जाना चाहिए।

नई दिल्ली. कोरोना के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि कोरोना से निपटने के लिए देश भर में वैक्सीनेशन अभियान को तेज किया जाना चाहिए।

इसके साथ ही मनमोहन सिंह ने कहा, हमें यह आंकड़ा नहीं देखना चाहिए कि कितने लोगों को टीका लगा। हमें यह देखना चाहिए कि आबादी के कुल कितने प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगी। 

 

 

पत्र में मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को दिए ये सुझाव

1- मनमोहन सिंह ने कहा कि सबसे पहले सरकार को यह बताना चाहिए कि अगले 6 महीने के लिए वैक्सीन के कितने ऑर्डर दिए गए और किस तरह से टीके राज्यों के बीच वितरित होंगे। सरकार को बताना चाहिए कि जिन वैक्सीन उत्पादकों ने 6 महीने में डिलीवरी का वादा किया, उन्हें वैक्सीन के कितने ऑर्डर दिए गए। यदि हम लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं, तो हमें एडवांस में पर्याप्त ऑर्डर देने चाहिए ताकि उत्पादक समय से आपूर्ति कर सकें।

2- उन्होंने कहा, सरकार को बताना चाहिए कि किस तरह से पारदर्शी फॉर्मूले के आधार पर वैक्सीन का वितरण राज्यों को किया जाएगा। केंद्र इमरजेंसी के लिए 10% वैक्सीन स्टोर कर सकती है। लेकिन बाकी राज्यों को साफ सिग्नल मिलना चाहिए, ताकि वे टीकाकरण की योजना बना सकें। 

3- पूर्व पीएम ने कहा - राज्यों को छूट मिले, वे फ्रंटलाइन वर्कर्स की कैटेगरी तय करें। इसके अलावा 45 साल से कम उम्र के लोगों को भी टीका लगे। राज्यों में स्कूल टीचर, बस, थ्री व्हीलर और टैक्सी ड्राइवर्स, निगम और पंचायत के कर्मियों और वकीलों को  45 साल से कम उम्र होने पर भी वैक्सीन दी जाए। 

4 - मनमोहन सिंह ने कहा,  पिछले कुछ दशकों में भारत सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक के रूप में उभरा है। लेकिन अधिकांश क्षमता निजी क्षेत्र में हैं। जनस्वास्थ्य के लिए मौजूदा आपात स्थिति में भारत सरकार को वैक्सीन उत्पादकों को मदद देनी चाहिए, ताकि वे तेजी से उत्पादन क्षमता का विस्तार कर सकें। इसके लिए फंड की छूट मिले। 

5- मनमोहन सिंह ने कहा, भारत में वैक्सीन के आपूर्तिकर्ता सीमित हैं। ऐसे में यूरोपीय मेडिकल एजेंसी या यूएसएफडीए से जिन वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है, उन्हें आयात की मंजूरी देनी चाहिए। उन्होंने कहा, देश में ट्रायल के बिना ही उन्हें मंजूरी देनी चाहिए।