सार

दिल्ली में 31 साल के एक व्यक्ति का लंग ट्रासप्लान्ट हुआ। मार्च में वह कोरोना संक्रमित हुआ था। दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल के 15 डॉक्टरों की टीम ने 10 घंटे की सर्जरी के बाद मरीज को नई जिंदगी दी। जयपुर के डोनर का लंग प्लेन के जरिए जरिए दिल्ली लाया गया था।
 

नई दिल्ली. दिल्ली में 31 साल के एक व्यक्ति का लंग ट्रासप्लान्ट हुआ। मार्च में वह कोरोना संक्रमित हुआ था। दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल के 15 डॉक्टरों की टीम ने 10 घंटे की सर्जरी के बाद मरीज को नई जिंदगी दी। जयपुर के डोनर का लंग प्लेन के जरिए जरिए दिल्ली लाया गया था।

यूपी के हरदोई के रहने वाला है मरीज
साकेत के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि वह मरीज यूपी के हरदोई का निवासी है। अभी वह वेंटिलेटर पर है, लेकिन स्थिर है।  मैक्स में एसोसिएट डायरेक्टर हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट डॉक्टर राहुल चंदोला ने कहा, हम बुधवार को उसे डिस्चार्ज करने की योजना बना रहे हैं। 

चार महीने से ऑक्सीजन सपोर्ट पर था
डॉक्टर राहुल चंदोला ने बताया, करीब एक साल पहले उस व्यक्ति को फेफड़ों की बीमारी का पता चला था। इसी दौरान उसे कोरोना हो गया। संक्रमित होने पर फेफड़ तेजी से खराब होने लगे। उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ा। लगभग चार महीने तक ऐसा रहा। फेफड़े के ट्रान्सप्लांट के बिना वह लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकता था।

शनिवार से लेकर रविवार तक सर्जरी
ट्रांसप्लांट कराने के लिए शनिवार को सुबह 10.30 बजे से रविवार को सुबह 8.30 बजे तक लगभग 10 घंटे का समय लगा। 

49 साल की महिला डोनर ने दी जिंदगी
जिन्होंने फेफड़ा दिया वह जयपुर की एक 49 साल की महिला थी, जिन्हें हाल ही में एक सड़क दुर्घटना में सिर में चोट लगी थी। एक निजी अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। तब उनके परिवार ने अंगों को दान करने का फैसला किया। फिर एयर इंडिया की उड़ान से फेफड़े को दिल्ली लाया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, हमें लगता है कि यह आने वाले दिनों में लंग्स ट्रांसप्लांट की मांग बढ़ सकती है।