सार
शिंदे ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने पिछले छह महीनों में उनसे मुलाकात नहीं की। उन्होंने कई बार उनसे मिलने की कोशिश की लेकिन पार्टी अध्यक्ष से मिलना असंभव हो गया।
मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। पार्टी के पूर्व विधायक शिशिर शिंदे ने इस्तीफा दे दिया है। शिंदे ने आरोप लगाया कि पार्टी का उप नेता बने उनको एक साल हो गया लेकिन कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। शिंदे ने कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद छह महीना से वह उद्धव ठाकरे से नहीं मिल सके हैं। उन्होंने शिवसेना में अपने चार साल बर्बाद कर दिए हैं।
शिशिर शिंदे ने लगाया ठाकरे के नहीं मिलने का आरोप
पूर्व विधायक व शिवसेना (यूबीटी) के उप नेता शिशिर शिंदे ने अपना इस्तीफा देने के बाद पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के नहीं मिलने का आरोप लगाया है। शिंदे ने कहा कि वह करीब एक साल पहले उप नेता बनाए गए थे। लेकिन एक साल बीतने के बाद भी उनको कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। शिंदे ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने पिछले छह महीनों में उनसे मुलाकात नहीं की। उन्होंने कई बार उनसे मिलने की कोशिश की लेकिन पार्टी अध्यक्ष से मिलना असंभव हो गया।
इस्तीफा भेजकर मीडिया में दे दिया
शिशिर शिंदे ने अपना इस्तीफा भेजने के बाद उसे सार्वजनिक किया है। उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में शिशिर शिंदे ने कहा कि पिछले चार साल से उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई और नाममात्र का पद दिया गया। एक साल पहले पार्टी का उपनेता बनाया गया लेकिन जिम्मेदारी कोई नहीं दी गई। शिवसेना में आकर उन्होंने अपने करियर के चार साल बर्बाद कर लिए।
कौन हैं शिशिर शिंदे?
शिशिर शिंदे फायर ब्रांड नेता हुआ करते थे। 1991 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत-पाकिस्तान मैच होने वाला था। शिवसेना ने पाकिस्तान को नहीं खेलने देने का ऐलान कर दिया था। शिशिर शिंदे की अगुवाई में शिवसैनिक वानखेड़े स्टेडियम में पहुंचे और क्रिकेट मैच रोकने के लिए स्टेडियम की पिच खोद दी थी। करीब 22 साल पहले हुई इस घटना से शिशिर शिंदे रातों-रात सुर्खियों में आ गए थे।
राज ठाकरे के साथ ही शिवसेना छोड़ दी थी
हालांकि, शिवसेना के तत्कालीन प्रमुख बाल ठाकरे ने जब उद्धव को उत्तराधिकारी घोषित किया तो उनके भतीजा राज ठाकरे ने बगावत कर दी। राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़कर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाया। शिशिर शिंदे ने भी 2005 में शिवसेना छोड़ने पर राज ठाकरे का समर्थन करते हुए पार्टी छोड़ दी थी। हालांकि, लगभग 13 साल बाद 2018 में वे शिवसेना में वापस आए। शिवसेना में वापसी के बाद भी शिशिर शिंदे को कोई विशेष जिम्मेदारी नहीं दी गई। जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत की तो शिशिर शिंदे को पार्टी का उप नेता बनाया गया।
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