सार

भारत में कोरोना वैक्सीन के आपाकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा और भी कई वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मांगी गई है। इसके लिए आवेदन किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत शायद एकमात्र देश है जहां चार टीके तैयार हो रहे हैं। 

नई दिल्ली. भारत में कोरोना वैक्सीन के आपाकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा और भी कई वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मांगी गई है। इसके लिए आवेदन किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत शायद एकमात्र देश है जहां चार टीके तैयार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीरम के कोविशिल्ड को कल आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी गई थी। वर्तमान में भारत में कोरोना की छह वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल जारी है। इनमें कोविशिल्ड और कोवाक्सिन भी शामिल हैं। 

लोगों को कोरोना टीकाकरण के लिए कई राज्यों में ड्राई रन चलाए जा रहे हैं। भारत से पहले यूनाइटेड किंगडम ने Pfizer और Astrazeneca वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दिया था। अमेरिका ने भी Pfizer की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। भारत में कोरोना की छह वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है इसमें कोविशिल्ड ऑस्ट्रॉक्सी वैक्सीन है, जिसे एस्ट्रजेनेका और पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित किया गया है। कोवाक्सिन भारत की बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सहयोग से विकसित किया जा रहा स्वदेशी टीका है।

ये टीके भी किए जा रहे तैयार 
कोविशिल्ड और कोवाक्सिन के अलावा, अहमदाबाद में कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से ZyCOV-D को विकसित किया जा रहा है। साथ ही  NVX-CoV2373 को नोवामैक्स के सहयोग से सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित किया जा रहा है। दो अन्य टीके हैं, जिनमें से एक एमआईटी, यूएस के सहयोग से बायोलॉजिकल ई लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा निर्मित है। दूसरा एचडीटी, यूएस के सहयोग से पुणे स्थित गेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। भारत के बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा थॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी, यूएस के साथ मिलकर एक और वैक्सीन विकसित की जा रही है, जो प्री-क्लिनिकल चरणों में है। डॉ. रेड्डीज लैब द्वारा रूस के स्पुतनिक वी का परीक्षण भी चल रहा है।

वैक्सीन के पूर्वाभ्यास का दूसरा चरण शुरू
बता दें कि देशभर में शनिवार से कोरोना वायरस वैक्सीन के पूर्वाभ्यास का दूसरा चरण शुरू हुआ है। वैक्सीन के पूर्वाभ्यास के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में ड्राई रन के लिए केंद्र बनाए गए हैं। पू्र्वाभ्यास में प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी शामिल हो रहे हैं। पू्र्वाभ्यास का पहला चरण 28-29 दिसंबर 2020 को शुरू हुआ था। पहला चरण असम, आंध्र प्रदेश, गुजरात, पंजाब में शुरू हुआ था।