सार
2024 में भारतीय सेना में आईएनएस अरिघाट, आईएनएस तुशिल और एलसीएच प्रचंड जैसे शक्तिशाली हथियार शामिल हुए हैं। ये हथियार भारत की रक्षा क्षमता को कई गुना बढ़ाते हैं।
नई दिल्ली। साल 2024 खत्म होने को है। इस साल भारत की सेनाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए कई खास हथियार सेवा में शामिल किए गए हैं। इनमें दूसरी अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट का कमीशन शामिल है। आइए इनके बारे में जानते हैं।
आईएनएस अरिघाट
आईएनएस अरिघाट अरिहंत क्लास की दूसरी पनडुब्बी है। यह परमाणु ऊर्जा से चलती है और न्यूक्लियर अटैक करने में सक्षम मिसाइल से लैस है। न्यूक्लियर सबमरीन होने के चलते इसे लंबे समय तक पानी के अंदर छिपाकर रखा जा सकता है। इसे 9 अगस्त को विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
आईएनएस अरिघाट पानी के अंदर अधिकतम 44 km/h की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि पानी में चलने के दौरान कम के कम शोर पैदा करे। इसके चलते इसका पता लगाना मुश्किल है। समुद्र की सतह पर इसकी अधिकतम रफ्तार 28 km/h है। यह पनडुब्बी अपने साथ 12 K-15 SLBM ले जाती है। यह पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। इसका रेंज 750 किलोमीटर है। अरिघाट चार K-4 SLBM भी ले जाती है। इस मिसाइल से परमाणु हमला किया जा सकता है। इसका रेंज 3500 किलोमीटर से अधिक है।
आईएनएस तुशिल
आईएनएस तुशिल नई मल्टीरोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है। इसे 9 दिसंबर 2024 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। यह प्रोजेक्ट 1135.6 का एडवांस क्रिवाक III श्रेणी का फ्रिगेट है। ऐसे छह फ्रिगेट पहले से ही सेवा में हैं। आईएनएस तुशिल ब्रह्मोस जैसे कई तरह के एडवांस हथियारों से लैस है। आईएनएस तुशिल का निर्माण रूस में हुआ है और इसमें इंजन यूक्रेन का लगा है। रूस और यूक्रेन दोनों के बीच लड़ाई चल रही है। भारत के दोनों देशों से अच्छे संबंध हैं, जिसके चलते यूक्रेन इंजन देने के लिए तैयार हुआ।
आईएनएस तुशिल को जमीन और दूसरे समुद्री जहाज पर हमला करने के लिए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस किया गया है। हवाई हमला होने की स्थिति में बचाव के लिए इसपर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं। पनडुब्बी के खिलाफ लड़ाई के लिए इस युद्धपोत के पास टॉरपीडो, रॉकेट और कामोव 28 और 31 जैसे हेलीकॉप्टर हैं। इस युद्धपोत की अधिकतम रफ्तार 55.56 किलोमीटर प्रति घंटा है।
एलसीएच प्रचंड
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर एलएसपी प्रचंड को फरवरी 2024 में वायु सेना में शामिल किया गया था। एलसीएच ने अप्रैल 2024 में एक्स गगन शक्ति में सफलतापूर्वक भाग लिया था। प्रचंड को ऊंचे पहाड़ी इलाकों में होने वाली लड़ाई के लिए डिजाइन किया गया है। यह अमेरिका से खरीदे गए अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे से भी अधिक ऊंचाई तक जाकर हमला कर सकता है। प्रचंड का हल्का होना इसमें मदद करता है।
प्रचंड का रेंज 550 किलोमीटर है। अधिकतम स्पीड 268km/h है। जमीन पर मौजूद दुश्मन पर भारी बमबारी के लिए इसमें चिन-माउंटेड ट्विन-बैरल M621 20 मिमी तोप लगा है। इसके साथ ही यह हेलीकॉप्टर अपने साथ MBDA एयर-टू-एयर, एयर-टू-सरफेस और एंटी-रेडिएशन मिसाइलों और हेलिना एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों के अलावा 70 मिमी रॉकेट ले जाने में सक्षम है। इस हेलीकॉप्टर से बम भी गिराए जा सकते हैं।
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