सार

वेलकम स्टेज के बैकग्राउंड में देश के प्राचीन मोनास्टिक यूनिवर्सिटी नालंदा महाविहार की इमेज लगी थी। यहीं पर प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी ने आ रहे मेहमानों का औपचारिक स्वागत किया।

G20 Summit 2023: नई दिल्ली के भारत मंडपम में जी20 शिखर सम्मेलन में ग्लोबल लीडर्स का जुटान दो दिनों के लिए हुआ है। विदेशी मेहमानों के लिए प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू की ओर से डिनर भी होस्ट किया गया था। डिनर का मीनू तो परंपरा और ऋतु को देखते हुए खास था ही मेहमानों के स्वागत के लिए बना वेलकम स्टेज का बैकग्राउंड भी बेहद अनोखा था। दरअसल, वेलकम स्टेज के बैकग्राउंड में देश के प्राचीन मोनास्टिक यूनिवर्सिटी नालंदा महाविहार की इमेज लगी थी। यहीं पर प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी ने आ रहे मेहमानों का औपचारिक स्वागत किया।

नालंदा महाविहार प्राचीन भारतीय परंपरा को दर्शाता

नालंदा महाविहार या नालंदा विश्वविद्यालय, प्राचीन भारत का मोनास्टिक विश्वविद्यालय रहा है। यहां की ज्ञान परंपरा विश्व प्रसिद्ध है। आधुनिक बिहार में पड़ने वाला यह महाविहार 5वीं सदी से 12वीं सदी के बीच अस्तित्व में था। विद्या और बुद्धिमता के सबसे बड़े इस केंद्र की परंपरा और विरासत महावीर और महात्मा बुद्ध के युग से चली आ रही है। यह विश्वविद्यालय,ज्ञान और शिक्षा के प्रसार में प्राचीन भारत की प्रगति को दर्शाता है। यहां विभिन्न क्षेत्रों के विद्यार्थी ज्ञानार्जन के लिए आते रहे हैं। वसुधैव कुटुंबकम की भावना का संदेश यह विश्वविद्यालय देता है।

जी20 से भी वसुधैव कुटुम्बकम का दिया भारत ने संदेश

दरअसल, नालंदा महाविहार की छवि को वेलकम स्टेज पर लगाने के पीछे भारतीय कर्ताधर्ताओं का उद्देश्य देश की प्राचीन ज्ञान परंपरा से दुनिया को वाकिफ कराने के साथ साथ जी20 के मूलमंत्र से भी जोड़ना रहा। क्योंकि जी20 का लोगो-'वसुधैव कुटुंबकम' और भारत की अध्यक्षता में शिखर सम्मेलन का विषय-'एक पृथ्वी-एक परिवार-एक भविष्य' है।

ग्लोबल लीडर्स ने देखा इमेज

डिनर के लिए आ रहे मेहमानों के स्वागत के बाद प्रधानमंत्री को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सहित जी20 के कुछ नेताओं को विश्वविद्यालय के महत्व के बारे में समझाते हुए भी देखा गया। पीएम ने हमारे प्राचीनतम ज्ञान के महासागर के बारे में मेहमानों को बताया।

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