सार

शुक्रवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी। इस दौरान जेट इंजन और सिविल न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी पर बात होगी।

नई दिल्ली। जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) में शामिल होने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत आ रहे हैं। उनका विमान एयर फोर्स वन शाम को दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करेगा। एयरपोर्ट से बाइडेन सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने जाएंगे। दोनों नेता द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इस दौरान जेट इंजन और न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी को लेकर बात होगी।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा है कि व्हाइट हाउस को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आगामी द्विपक्षीय वार्ता में जीई जेट इंजन और सिविल न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी पर सार्थक प्रगति देखने की उम्मीद है।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के साथ जीई ने किया था समझौता

इस साल की शुरुआत में, जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) की एयरोस्पेस इकाई ने घोषणा की थी कि उसने भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के लिए भारत में संयुक्त रूप से इंजन बनाने के लिए समझौता किया है। इस संबंध में जीई और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के बीच समझौते पर साइन किए गए हैं।

दरअसल, भारत को अपने लड़ाकू विमानों के लिए इंजन की जरूरत है। भारत के स्वदेशी फाइटर जेट तेजस में लगाने के लिए इंजन आयात करना होता है। भविष्य के लड़ाकू विमानों के लिए भी ताकतवर इंजन की जरूत है। अमेरिकी कंपनी GE ने भारत को टेक्नोलॉजी ट्रांस्फर के लिए अपने द्वार खोले हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और जीई एयरोस्पेस ने भारत में F414 इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए समझौता किया है। 

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F414 इंजन तेजस के अगले वर्जन LCA (Light Combat Aircraft) MK2 में लगाया जाएगा। समझौता इंडियन एयरफोर्स के लिए 99 इंजन बनाने के लिए किया गया है। इसके अलावा GE AMCA Mk2 के लिए इंजन के विकास में भी भारत सरकार के साथ सहयोग करेगी।

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