सार

लोकसभा चुनाव के पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए यह बड़ी रणनीतिक विफलता मानी जा रही है। पार्टी सूत्रों की मानें तो फलेरियो को काफी दिनों से टीएमसी की गतिविधियों में शामिल नहीं किया जा रहा था।

TMC news: तेजी से पूर्वोत्तर में संगठन का विस्तार कर रहीं ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरियो ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ने के साथ ही राज्यसभा सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। एक दिन पहले ही चुनाव आयोग ने टीएमसी के राष्ट्रीय दल का दर्जा छीन लिया था। लोकसभा चुनाव के पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए यह बड़ी रणनीतिक विफलता मानी जा रही है। पार्टी सूत्रों की मानें तो फलेरियो को काफी दिनों से टीएमसी की गतिविधियों में शामिल नहीं किया जा रहा था।

विधानसभा चुनाव लड़ने से किया था इनकार

टीएमसी सूत्रों की मानें तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीते गोवा विधानसभा चुनाव में फलेरियो विधानसभा चुनाव लड़ाना चाह रही थीं। वह चाहती थीं कि फलेरिया, गोवा फारवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई के खिलाफ चुनाव लड़ें। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐसा करने से मना कर दिया था। इससे पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नाराज हो गया। गोवा में प्रवेश करने के पहले टीएमसी ने अपने सांसद अर्पिता घोष को राज्यसभा से इस्तीफा देने को कहा। अर्पिता का कार्यकाल 2026 तक था। इसकी जगह पर फलेरियो को 2021 में राज्यसभा भेजा गया था।

2021 में टीएमसी ने गोवा में विस्तार की रणनीति बनाई थी

दरअसल, तृणमूल कांग्रेस अपने राज्य के आसपास के छोटे राज्यों में विस्तार की रणनीति पर कई सालों से काम कर रही थी। तृणमूल कांग्रेस ने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के बाद गोवा और उत्तर-पूर्वी राज्यों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का फैसला किया। इसी कड़ी में फलेरिया जैसे दिग्गज नेताओं को पार्टी में शामिल कराया। लेकिन गोवा विधानसभा चुनाव में टीएमसी को कोई सफलता नहीं मिली। वह एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो सकी। हालांकि, उसे 5.2 प्रतिशत वोट शेयर हासिल हुआ। यही नहीं, त्रिपुरा में हाल ही में हुए चुनावों में तृणमूल कांग्रेस का कोई प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन उसने मेघालय में थोड़ी उम्मीद दिखी है। यहां पांच सीटों पर टीएमसी को जीत मिली है। यह बात दीगर है कि कई राज्यों में चुनाव मैदान में उतरने वाली टीएमसी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा गंवाने का नुकसान उठाना पड़ा है।

काफी लंबा राजनीतिक करियर रहा है फलेरियो का...

लुईजिन्हो फलेरियो ने 1980 के दशक में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। वह कांग्रेस के राज्य और राष्ट्रीय राजनीति दोनों में विभिन्न पदों पर रहे। वह चार बार गोवा विधानसभा के सदस्य रहे हैं। 1996 से 1999 और 2009 से 2014 तक लोकसभा में संसद सदस्य के रूप में भी कार्य किया है। अपने राजनीतिक करियर के अलावा फलेरियो ने एक पत्रकार और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में भी काम किया है। उन्होंने अर्थशास्त्र और सामाजिक मुद्दों पर कई किताबें लिखी हैं। गोवा में विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों में भी शामिल रहे हैं।

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