सार
केंद्र सरकार ने वादा किया है कि वर्ष, 2024 तक नल जल योजना(Nal Jal Yojana) के तहत हर घर में नलों से जल पहुंच जाएगा। 2019 में जहां सिर्फ16.5% लोगों के घरों तक नलों से पानी पहुंचता था, अब यह आंकड़ा 50% पहुंच चुका है। यह जानकारी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत(Union Jal Shakti Minister Gajendra Singh Shekhawat) ने एक कार्यक्रम के दौरान दी।
नई दिल्ली. भारत में जल से जुड़ी समस्याओं के जल्द निराकरण के लिए वर्षा जल संचयन, जल संरक्षण, पुनर्चक्रण और भूजल पर निर्भरता कम करने की वकालत की गई है। मुंबई में 12 अप्रैल को ’इंडिया वाटर विजन 2040 एंड बियॉण्ड’ नाम से आयोजित राष्ट्रीय जल सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत(Union Jal Shakti Minister Gajendra Singh Shekhawat) ने कहा कि भारत में पानी की प्रति व्यक्ति उपलब्धता घटती जा रही है और भारत जल्द ही पानी की कमी वाला देश बन सकता है। उन्होंने बताया कि 50 साल पहले प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 5,000 घन मीटर थी। बढ़ती आबादी और पानी के उपयोग के कारण यह घटकर 1,500 घन मीटर रह गई है।
जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता जताई
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि भौगोलिक विविधता और वैश्विक जलवायु परिवर्तन के चलते जल संबंधी चिंता को लेकर भारत की चुनौतियां और अधिक जटिल हो गई हैं। भारत एक विकासशील देश है और आने वाले वर्षों में पानी की मांग और बढ़ेगी।
बारिश का पानी बचाने की वकालत
बारिश का पानी इकट्ठा करने की वकालत करते हुए शेखावत ने कहा कि भारत में औसत वार्षिक वर्षा 1184 मिमी होती है। लगभग 4,000 अरब घन मीटर पानी सालाना बारिश से मिलता है। हार्वेस्ट करने योग्य घटक करीब 2000 अरब घन मीटर है। सतह पर हमारी कुल जल धारण क्षमता 300 अरब घन मीटर से कम है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह चुनौती अपने साथ वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण का एक बड़ा अवसर लेकर आई है।
भूजल की सबसे अधिक खपत वाला देश
मंत्री ने बताया कि भारत भूजल की सबसे ज्यादा खपत करने वाले देशों में शामिल है। इस संसाधन पर अपनी निर्भरता कम करने की जरूरत है। मंत्री ने सुझाव दिया कि देश में हर संभव तरीके से पानी के पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
2024 तक हर घर जल
जल जीवन मिशन की जानकारी देते हुए शेखावत ने कहा कि भारत 2024 तक देश के हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराने का अपना लक्ष्य पूरा करेगा। हरियाणा, तेलंगाना और गोवा सहित कई राज्यों ने शतप्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। 2019 में जहां 16.5 फीसदी घरों में नल का पानी आता था, अब यह आंकड़ा 50 फीसदी देश के 250 जिलों को पानी की कमी वाले जिलों के रूप में चिन्हित किया गया है। यहां पारंपरिक जल संसाधनों के संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है।
2 सालों में 700 जिलों में 2 लाख से अधिक जलसंरक्षण काम
शेखावत के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में देश के 700 जिलों में 2 लाख से अधिक जल संरक्षण कार्य कराए गए। 65,000 करोड़ रुपये जल संरक्षण पर खर्च हुए।