सार
सरकार ने गैरबासमती चावलों के निर्यात पर बैन लगा दिया है। चावल की देश में बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने निर्यात पर रोक लगा दी है।
नेशनल डेस्क। भारत सरकार की ओ से गैर बासमती सफेद चावलों के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया गया है। घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और खुदरा कारोबार में इसकी कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है।
खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उबले हुए गैर-बासमती चावल और कच्चे बासमती चावल की एक्सपोर्ट पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा जो कि निर्यात का बड़ा प्रतिशत है। खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 प्रतिशत है।
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इस कारण रोका गया निर्यात
खाद्य मंत्रालय की माने तो उचित दाम पर आम लोगों को घरेलू उत्पाद मिल सके इसी लिए गैर बासमती सफेद चावल की एक्सपोर्ट पॉलिसी कुछ बदलाव किया गया है। सरकार के इस फैसले का उद्देश्य आने वाले त्योहारी सीजन में लोगों को सस्ते दामों में चीजें मिल सकें। घरेलू बाजार में गैर-बासमती सफेद चावल लोगों को पर्याप्त मात्रा में मिल सकें और लोकल कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को कम करने के लिए सरकार ने एक्सपोर्ट पॉलिसी में भी 20 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी के साथ फ्री से प्रोहेबिटेड किया है।
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कहां-कहां निर्यात होता है चावल
भारत से गैर-बासमती सफेद चावल का एक्सपोर्ट 2022-23 में 4.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि पिछले वर्ष इसका व्यापार 2.62 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। भारत से थाईलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका में गैर बासमती चावल एक्सपोर्ट किया जाता है विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की नोटिफिकेशन में कहा गया है कि गैर-बासमती सफेद चावल (पूरा पका या आधा पका चावल) की निर्यात नीति को फ्री से अब प्रोहेमि कर दिया गया है।
चावल की कीमतें बढ़ रहीं
चावल की घरेलू कीमतें बढ़ रही हैं। इसकी रिटेल प्राइस एक साल में 11.5 फीसदी और बीते माह 3 फीसदी बढ़े हैं। कीमत कम करने के साथ-साथ घरेलू बाजार में गैर बासमती चावलों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 8 सितंबर, 2022 को गैर-बासमती सफेद चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया गया था।