सार

संसद के मानसून सत्र (monsoon session) के दौरान बुधवार को राज्यसभा में महिला सांसदों के साथ कथित झूमाझटकी के मामले के बाद पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं।

नई दिल्ली. संसद के मानसून सत्र (monsoon session) के दौरान बुधवार को राज्यसभा में हुआ हंगाामे का असर अब बाहर भी देखा जा रहा है। गुरुवार को विपक्षी दलों (Opposition Leaders March) ने संसद से लेकर विजय चौक तक पैदल मार्च किया। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि कल राज्यसभा में महिला सांसदों को पीटा गया। इस पर 8 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्ष को घड़ियाल करार दे दिया। पढ़िए किसने क्या कहा...

pic.twitter.com/sAqXmjBAjT

8 मंत्रियों की एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस
राहुल गांधी के बयान के बाद 8 केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, धर्मेन्द्र प्रधान, प्रह्लाद जोशी, मुख्तार अब्बास, मुरालीधरन, अर्जुन मेघवाल, अनुराग ठाकुर और भूपेंद्र यादव ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

अनुराग ठाकुर ने कहा-अनुराग ठाकुर ने कहा-देश की जनता इंतजार करती है कि उनसे जुड़े हुए विषयों को सदन में उठाया जाए, वहीं विपक्ष का सड़क से संसद तक एकमात्र एजेंडा सिर्फ अराजकता रहा। घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए इनको(विपक्ष) देश से माफी मांगनी चाहिए।

पीयूष गोयल ने कहा-इस सत्र में हमने लगातार बहुत की दुखद और शर्मनाक घटनाएं देखीं। पूरे विपक्ष की मंशा शुरू से सदन की गरिमा गिराने और सत्र को नहीं चलने देने की रही। ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक में भी शायद एक राजनीतिक मजबूरी में उन्होंने सदन को चलने दिया।  विपक्ष को जनता ने बार-बार सबक सिखाया है, एक बार फिर जनता उन्हें सबक सिखाएगी। ये डर रहे हैं जिस प्रकार से इन्होंने स्टाफ पर हमला किया, उस कार्रवाई से डरकर ये हमें धमकी देने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रह्लाद जोशी ने कहा-साढ़े सात साल भी वो(विपक्ष) जनादेश स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। खासकर कांग्रेस को ऐसा लगता है कि ये हमारी सीट थी और इसे मोदी जी ने आकर छीन लिया। उनकी ​इसी मानसिकता की वजह से ऐसी चीजें हो रही हैं। कांग्रेस और उसकी मित्र पार्टियों ने पहले से ये तय कर लिया था कि हम इस बार संसद नहीं चलने देंगे। उन्होंने मंत्रियों का परिचय नहीं होने दिया, उन्होंने महत्वपूर्ण बिलों पर भी चर्चा नहीं होने दी।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, मुख्तार अब्बास नकवी, मुरलीधर और अर्जुन मेघवाल ने भी विपक्ष पर जनादेश का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया। इन लोगों ने जनहित के मुद्दों पर बात करने की बजाय विपक्ष का एजेंडा केवल हंगामा करना है। 

राहुल गांधी ने कहा-लोगों की आवाज को कुचला गया
राहुल गांधी ने कहा-राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई। बाहर से लोगों को बुलाकर और नीली वर्दी में डालकर सांसदों से मारपीट की गई। संसद का सत्र समाप्त हो गया है। जहां तक ​​देश के 60% हिस्से का सवाल है, संसद का कोई सत्र नहीं हुआ है। देश के 60% लोगों की आवाज को कुचला गया, अपमानित किया गया। विस्तार से पढ़नें क्लिक करें...

यह भी पढ़ें
फोटू के पीछे क्या है: बाढ़ में उतरकर PM को कोसने वालीं Mamata Banerjee के इस Graph की कहानी twitter पर ट्रोल
राहुल गांधी ने मांगी Article 370 की बहाली, तो हुए ट्रोल-'दूध मांगोगे खीर देंगे; कश्मीर मांगोगे चीर देंगे'