सार
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जारी एक्शन में ताजा एनकाउंटर में राजौरी में 2 आतंकवादी मारे गए। हालांकि यहां 3 जवान शहीद हो गए हैं। 5 घायल बताए जाते हैं। इससे पहले बुधवार को सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के मोस्ट वांटेड आतंकवादी लतीफ राथर सहित 3 को मार गिराया था।
श्रीनगर. दो दिनों में जम्मू-कश्मीर में 5 आतंकवादी मारे गए हैं। राजौरी में दो आतंकवादियों को मार गिराया गया है। ये आर्मी के कैंप में घुसने की कोशिश कर रहे थे। मुठभेड़ में भारतीय सेना के 3 जवान शहीद बताए जा रहे हैं। जम्मू जोन के एडीजीपी मुकेश सिंह ने बताया कि राजौरी के दरहाल इलाके परगल स्थित सेना कैंप की बाड़ पार करने की कोशिश की गई थी। (पहली तस्वीर-सूबेदार राजेंद्र प्रसाद, राइफलमैन मनोज कुमार और राइफलमैन डी लक्ष्मणन, जो राजौरी, जम्मू-कश्मीर के पास आर्मी कैम्प पर आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाले दो आतंकवादियों को बेअसर करते हुए शहीद हो गए)
(तस्वीर जम्मू-कश्मीर के राजौरी के दरहल इलाके में आर्मी कैम्प में आत्मघाती हमले के बाद मारे गए एक आतंकवादी की है)
आर्मी कैम्प में घुस रहे थे
सेना के एक प्रवक्ता के अनुसार, राजौरी जिले के परगल में अंधेरे में एक चौकी में घुसने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों का पता लगाया गया और सैनिकों ने उन्हें घेर लिया। दोनों ओर से गोलीबारी हुई। इसमें 2 आतंकवादी मारे गए। 3 जवान शहीद हुए हैं, जबकि 5 जवान जख्मी हो गए। परगल कैंप राजौरी से 25 किमी की दूरी पर है। 11 राष्ट्रीय राइफल के अनुसार, आर्मी कैंप में आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया था। धरहल पुलिस स्टेशन से 6 किमी स्थित दूसरी पार्टियों को भी कैंप की ओर रवाना किया गया है। इलाके को घेर लिया गया है।
इससे पहले सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर के बडगाम में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट और लोककलाकार अमरीन भट्ट की हत्या से जुड़े लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों का एनकाउंटर करके आतंकवादी समूहों को कड़ी चेतावनी दी है। अधिकृत सूत्रों के अनुसार, मौजूदा साल में अब तक 139 आतंकियों का सफाया किया जा चुका है। इनमें 32 से विदेशी आतंकवादी थे। अकेले जुलाई के आखिरी हफ्ते में 6 आतंकियों का एनकाउंटर किया गया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद के दो और लश्कर के चार आतंकी शामिल रहे। (तस्वीर-राहुल भट्ट और आतंकवादी)
2018 में 271 आतंकवादी मारे गए थे। 86 आम नागरिकों की मौत हुई थी, जबकि 95 सुरक्षाबल शहीद हुए थे। 2019 में 163 आतंकवादी मारे गए थे, 42 आम नागरिकों की मौत हुई थी, जबकि 78 सुरक्षाबल शहीद हुए थे। 2020 में 232 आतंकवादियों का एनकाउंटर हुआ था, 33 आमजन मारे गए थे, जबकि 56 सुरक्षाबल शहीद हुए थे। 2021 में 193 आतंकवादी मारे गए थे, 36 आमजनों की मौत हुई थी, जबकि 45 सुरक्षाबल शहीद हुए थे। इस साल अब तक 139 आतंकवादी मारे गए, 20 आमजनों की मौत हुई, जबकि 22 सुरक्षाबल शहीद हुए।
कई मामलों में वांटेड था लतीफ
जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में बुधवार को कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की हत्या में शामिल लतीफ राथर सहित लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादी बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए।अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कश्मीर जोन) विजय ने कहा कि इनके पास से आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। कुमार ने ट्वीट किया- हमारे लिए एक बड़ी सफलता है। मारे गए आतंकवादियों में लतीफ राथर भी शामिल है, जो इस साल मई में कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट और टीवी अभिनेता अमरीन भट की हत्या में शामिल था। एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षा बलों ने जिले के खानसाहिब इलाके के वाटरहेल में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद एक घेरा और तलाशी अभियान शुरू किया था।
15 अगस्त से पहले कड़ी सर्चिंग
स्वतंत्रता दिवस पर आतंकवादियों के हमलों के इनपुट के बाद जगह-जगह सर्चिंग जारी है। इस बीच मंगलवार को ATS ने यूपी के आजमगढ़ से ISIS के एक आतंकी को दबोच लिया। सबाउद्दीन आजमी ISIS के रिक्रूटर से संपर्क में था। उससे IED बनाने का सामान भी बरामद किया है। यह स्वतंत्रता दिवस पर हमले की साजिश रच रहा था। उसके टेलीग्राम चैनल AL-SAQR MEDIA से जुड़े होने के पुख्ता सबूत मिले हैं। यह ग्रुप जिहाद के लिए मुस्लिम युवकों का ब्रेनवॉश करता है। सबाउद्दीन इस समय असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी AIMIM का सदस्य बताया जाता है।
दफ्तर में घुसकर हुई थी राहुल भट्ट की हत्या
राहुल भट कीचदूरा गांव (Chadoora Village) में तहसीलदार के कार्यालय पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वे मूल रूप से बडगाम के संग्रामपोरा गांव(Sangrampora village) के रहने वाले थे। उन्हें प्रवासी कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए प्रधान मंत्री के विशेष पैकेज के तहत 2010 में राजस्व विभाग में नियुक्त किया गया था।
अमरीना को कई गोलियां मारी थीं
बडगाम जिले के चदूरा इलाके में रहने वालीं 35 वर्षीय अमरीना भट्ट के घर में अंधाधुंध फायरिंग के बाद आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। वे सोशल मीडिया(social media influencer) पर भी एक्टिव रहती थीं। आतंकवादियों ने उसके 10 वर्षीय भतीजे को भी घायल कर दिया था। अमरीना लोकप्रिय सोशल मीडिया प्रभावकार थीं और उनके विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हजारों फॉलोअर्स थे। इससे पहले वह लोकप्रिय केबल चैनलों और डीडी कशीर चैनल से जुड़ी थीं।
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