सार
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को दावा किया कि उसने 21 जनवरी के नरवाल, जम्मू विस्फोट मामले में लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। यह आतंकवादी सरकारी नौकरी कर रहा था। इसके पास से पुलिस ने परफ्यूम आईईडी जब्त किया है।
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को दावा किया कि उसने 21 जनवरी के नरवाल, जम्मू विस्फोट मामले में लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। यह आतंकवादी सरकारी नौकरी कर रहा था। इसके पास से पुलिस ने परफ्यूम आईईडी जब्त किया है। अपनी तरह का पहला बम है। बता दें कि 20 जनवरी को दो आईईडी बम प्लांट किए गए थे। ये 21 जनवरी को 20 मिनट के अंतराल में फटे थे। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा, जम्मू पुलिस की 11 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद एक बड़ी सफलता हासिल की गई। जम्मू जिले के रियासी निवासी आरिफ अहमद को गिरफ्तार किया गया है। आरिफ एक सरकारी कर्मचारी है और लश्कर-ए-तैयबा संगठन(LeT) का सक्रिय आतंकवादी है। वह जम्मू जिले के रियासी निवासी कासिम और उसके चाचा कमरदीन के इशारे पर काम कर रहा था। यह संगठन वर्तमान में पाकिस्तान में है। DGP ने कहा कि आरिफ तीन आईईडी विस्फोट की घटनाओं-शास्त्री नगर, कटरा और 21 जनवरी को नरवाल, जम्मू की घटना में शामिल था।
पहली बार देखा गया परफ्यूम आईआईडी
DGP ने कहा कि अभी तक हमने विस्फोटक सामग्री, स्टिकी बम और टाइमर लगे आईईडी देखे थे, लेकिन आरिफ के पास से एक नए प्रकार का आईईडी बरामद किया गया, जो परफ्यूम आईईडी है। यह आईईडी एक बोतल के रूप में है। यह एक परफ्यूम की बोतल की तरह लगता है, लेकिन इसमें विस्फोटक सामग्री होती है। हमने इसे अभी तक छुआ नहीं है।” वैसे ही जैसे ही कोई परफ्यूम की बोतल समझकर इसे खोलता है, वो फट जाता है।
DGP ने कहा कि इन आईईडी का मुख्य उद्देश्य निर्दोष लोगों को निशाना बनाना और जम्मू क्षेत्र में सांप्रदायिक नफरत पैदा करना है। आरिफ न केवल अपनी नौकरी खो देगा, बल्कि उसके खिलाफ एक मजबूत डोजियर तैयार किया जाएगा। वह बहुत चतुर कार्यकर्ता था। उसने अपने कपड़े, जूते और यहां तक कि उसने अपने मोबाइल फोन को भी आग के हवाले कर दिया था, उसने सारे सबूत जला दिए थे। लेकिन पुलिस ने छोटी-छोटी सूचनाओं और सुरागों पर भी मेहनत की, जिसके कारण आरिफ को गिरफ्तार कर लिया गया।
डीजीपी ने कहा कि आरिफ को मिले आईईडी को ड्रोन के जरिए यहां गिराया गया था। डीजीपी ने कहा कि उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। डांगरी, राजौरी की घटना और जांच के भविष्य के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि जांच अग्रिम चरण में है और जल्द ही इसका परिणाम मीडियाकर्मियों के साथ शेयर किया जाएगा।
आरिफ के और लिंक और संभावित कश्मीर कनेक्शन के बारे में पूछे जाने पर, डीजीपी ने कहा कि अभी तक यह नहीं देखा गया है कि कश्मीरी युवा आतंकवाद के लिए जम्मू आ रहे हैं या जम्मू के युवा कश्मीर जा रहे हैं। आगे की जांच जारी है।
21 जनवरी को जम्मू के नरवाल में 2 IED धमाके हुए थे। इस घटना से जुड़े आरिफ नामक आतंकी को पकड़ा है जो रियासी का रहने वाला है। ये पिछले 3 साल से सीमा पार लश्कर-ए-तैयबा के हैंडलर के साथ जुड़ा था। दिलबाग सिंह, डीजीपी, जम्मू-कश्मीर
यह भी पढ़ें