सार
गुजरात के मोरबी शहर में माच्छू नदी पर 30 अक्टूबर की शाम 140 साल पुराने पुल के ढह जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा को लेकर अनर्गल आरोप लगाने वाले तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले को गुजरात पुलिस ने अरेस्ट किया है।
अहमदाबाद. गुजरात के मोरबी शहर में माच्छू नदी पर 30 अक्टूबर की शाम 140 साल पुराने पुल के ढह जाने(Gujarat Bridge collapse) के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा को लेकर अनर्गल आरोप लगाने वाले तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ममता बनर्जी के करीबी साकेत गोखले (TMC Saket Gokhale Arrested) को गुजरात पुलिस ने अरेस्ट किया है। इसकी जानकारी पार्टी के ही राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन (Derek O'Brien) ने दी। टीएमसी सांसद ने ट्विटर पर कहा कि साकेत गोखले ने सोमवार को नई दिल्ली से जयपुर (Jaipur) के लिए रात 9 बजे की फ्लाइट ली थी, जब वह जयपुर में उतरे तो गुजरात पुलिस राजस्थान एयरपोर्ट पर पहले से उनका इंतजार कर रही थी, जैसे ही साकेत जहाज से उतरे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
2 बजे मां को किया था कॉल
TMC सासंद डेरेक ओ ब्रायन के मुताबिक, सोमवार देर रात 2 बजे गोखले ने मां को फोन पर बताया था कि पुलिस उन्हें अहमदाबाद ले जा रही हैं। डेरेके ने कहा कि पुलिस ने गोखले को सिर्फ दो मिनट ही कॉल करने दिया। आरोप है कि इसके बाद उनका फोन और बाकी सामान जब्त कर लिया गया। टीएमसी सांसद के अनुसार, मोरबी पुल के ढहने पर साकेत के ट्वीट को लेकर अहमदाबाद साइबर सेल ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। डेरेक ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस और विपक्ष को चुप नहीं कराया जा सकता है। डेरेक ने आरोप लगाया कि भाजपा राजनीतिक रंजिश को दूसरे लेवल पर ले जा रही है।
पहले जानें आखिर हुआ क्या?
गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर की शाम करीब 6.30 बजे केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया था। इससे 400 से अधिक लोग मच्छु नदी में गिर गए। इस भयंकर हादसे में 135 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इनमे 50 से ज्यादा बच्चे और महिलाएं थीं। हादसे में राजकोट के भाजपा सांसद मोहन कुंदरिया की फैमिली के 12 लोगों की मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार, पुल 6 महीने से मेंटेनेंस और रिनोवेशन के लिए बंद था। करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से यह काम पूरा किया गया था। 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था। हालांकि इसके लिए परमिशन नहीं ली गई थी।
इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गुजरात दौरे में बदलाव करते हुए मोरबी पुल हादसे के बाद दुर्घटनास्थल का दौरा किया था और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की थी। मोदी घायलों से मिलने अस्पताल भी पहुंचे थे। पीएम मोदी ने मोरबी पुल हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के प्रत्येक परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी।
गोखले ने लगाया था ये इल्जाम
मोदी की मोरबी विजिट पर टीएमसी के प्रवक्ता साकेत गोखले ने कथित आरटीआई के हवाले से दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत, इवेंट मैनेजमेंट और फोटोग्राफी के लिए 5.5 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। जबकि हादसे में जान गंवाने वाले 135 लोगों के परिजनों को सरकार ने सिर्फ चार लाख का मुआवजा दिया, जो कुल पांच करोड़ होता है। साकेत गोखले ने इल्जाम लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इवेंट मैनेजमेंट की कीमत 135 लोगों के परिजनों को दिए गए मुआवजे से ज्यादा थी।
PIB फैक्ट चेक ने इस दावे को नकारा था
हालांकि गोखले के इस दावे को फर्जी बताया गया था। पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने बताया था कि पीएम मोदी की मोरबी यात्रा के दौरान 30 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा फर्जी है। पीआईबी ने ऐसी किसी भी आरटीआई का कोई जवाब नहीं दिया है।
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