सार
हरिपुरा गांव में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का स्वागत यहां 51 बैलों वाले एक रथ में बिठाकर किया गया था।
नई दिल्ली। डाॅक्टर्स डे पर अफगानिस्तान के भारत में राजदूत फरीद मामुन्दजई के ट्वीट और फिर उसके पीएम मोदी के रीट्वीट के दौरान एक गांव का नाम अचानक से सुर्खियों में आ गया है। आजादी की लड़ाई में इतिहास के पन्नों में भी इस ऐतिहासिक गांव का जिक्र है। कम ही लोग जानते हैं कि 1938 का हरिपुरा अधिवेशन वाला ही यह गांव है। इस अधिवेशन में नेताजी सुभाष चंद्र बोष को कांग्रेस अध्यक्ष के रुप में चुना गया था।
सूरत के हरिपुरा गांव में हुआ था कांग्रेस का 51वां अधिवेशन
कांग्रेस का 51वां अधिवेशन 1938 में सूरत के हरिपुरा गांव में हुआ था। इस अधिवेशन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था। अधिवेशन में शामिल होने आए नेताजी सुभाष चंद्र बोस का स्वागत यहां 51 बैलों वाले एक रथ में बिठाकर किया गया। इस अधिवेशन में नेताजी ने बेहद प्रभावशाली भाषण दिया जो इतिहास के पन्नों में दर्ज है।
बाढ़ में भी बचा रह गया था हरिपुरा
ताप्ती नदी के किनारे बसा सूरत शहर कई बार बाढ़ की विभीषिका झेल चुका है। साल 1968 में सूरत में भीषण बाढ़ आई थी जिसमें पूरा शहर डूब गया था। लेकिन इस बाढ़ में भी हरिपुरा गांव बेहद सुरक्षित रहा। हरिपुरा गांव भौगोलिक रूप से थोड़ी ऊंचाई पर स्थित है इसलिए बाढ़ का पानी इसे छू भी न सका।
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